कितना अच्छा होता यदि चिड़ियां होते हम ! साथ चुगते दाना हरदम हंसते हंसते हम
देश-दुनिया बीते कुछ महीनों से लगातार कोरोना के प्रभाव को खत्म करने का प्रयास कर
विषय में अच्छा कॅरिअर बनाने के लिए स्टूडेंट्स का स्कूलिंग पूरी करते ही आगे की
कविता – पानी से घिरे हुए लोग, कवि – केदारनाथ सिंह, शिक्षण संस्थान – खुदीराम
भारत जोड़ता है और भारत जुड़ता है अपनी हर गली से लेकर अपनी कला, हस्तशिल्प,
– होरी खेलत हैं गिरधारी। मुरली चंग बजत डफ न्यारो। संग जुबती ब्रजनारी।। चंदन केसर
कविता – सृष्टि, कवियित्री – अनामिका
लोग कहते है…… और कहते ही रहते है। कभी गलतियां कभी गलतफहमियां….. कभी अफवाहें….. कभी
कोलकाता : खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज में बसंत उत्सव व कौशल वृक्ष प्रतियोगिता का आयोजन
क्यों झलक जाता है बेटियों का दर्द यूँ बार-बार? सुरक्षित निगहबानियों में भी क्यों चटक