कोलकाता: विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित, ‘त्रिलोचन का साहित्य:
कोलकाता : भारतीय भाषा परिषद में बनारस की संस्था ‘रूपवाणी’ ने बनारस की रामलीला को
वाराणसी : देश और दुनिया भर में शहनाई को मकबूलियत दिलाने वाले उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां
जयपुर : जयपुर के नाहरगढ़ स्थित मोम संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों के स्वागत और
मुम्बई : बीते जमाने की अदाकारा दीप्ति नवल ने अपने सह- कलाकार फारुख शेख के70
निशांत पहली बार कहाँ देखा था केदारनाथ सिंह को कोलकाता के ठनठनियों काली मंदिर के
कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से भारतीय भाषा परिषद में एक श्रद्धांजलि सभा
नाटक ‘रूहें’ एक राज्य की अस्थिरता और उसके गौरव की कहानी है। इसमें कई परतें
हुकूमत क्या है एक खेल का नाम है सियासत इस खेल की चाल और हाकिम
विमलेश त्रिपाठी केदारनाथ सिंह मेरे प्रिय कवि हैं। इसका कारण यह नहीं है कि मेरा