किसी भी उपन्यास की समीक्षा करना तभी संभव है, जब पता हो कि वह उपन्यास
कोलकाता । गत 23 मई 2025 की संध्या को भारतीय भाषा परिषद में साहित्यिकी संस्था
वीणा जैन कृत ‘एक उत्सव: एक महोत्सव’ कविता वीणा जैन का सातवाँ कविता संग्रह है।
कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद के पुस्तकालय में, साहित्यिकी संस्था की ओर से कवयित्री शांति
कोलकाता । ‘आज के इस यांत्रिक समय में ‘मन की पीर’ और ‘विनय याचना’ जैसी
आत्मकथाकार: रेणु गौरीसरिया इससे पूर्व कि हम रेणु गौरीसरिया द्वारा विरचित आत्मकथा “ज़करिया स्ट्रीट से
समीक्षक: डॉ. सीमा शर्मा इतिहास में जब साहसी, पराक्रमी और शिक्षित महिलाओं की चर्चा की
कथा या कहानी आपको यदि बार-बार पढ़ने के लिए उकसाए और बार-बार मन में अटकी
सत्ता प्राप्ति के खेले हैं नित नए निराले खेले हैं नाच नाच कर करतब अजीब
जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित उपन्यास ‘तितली’ सामाजिक पृष्टभूमि पर लिखा गया हैं। यह 1934 ई.