मुम्बई : आजादी के बाद पहली महिला आइएएस और कर्इ् प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी सम्भालने
एम. विश्वेश्वरैया को कौन नहीं जानता। कर्नाटक में कृष्णसागर बांध के वास्तुकार, बांधों में पानी
उदयपुर : आधुनिक हिंदी के मानक गद्य की सबसे पहली पुस्तक उदयपुर में 136 साल
“तुम्हें गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली। चलो बस हो चुका
1 दक्षिण भारत के तिरूतनी नाम के एक गांव में 1888 को प्रकांड विद्वान और दार्शनिक डॉ.
नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रखर वक्ता थे और अपनी वाकपटुता
कोलकाता : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का एक निजी अस्पताल में निधन हो
आजादी के आंदोलन में हिंदुस्तान की महिलाओं का अविस्मरणीय योगदान रहा है। तमाम वीर स्त्रियों
माई लार्ड! लड़कपन में इस बूढ़े भंगड़ को बुलबुल का बड़ा चाव था। गांव में
15 अगस्त 1947 की आधी रात को जब दुनिया के कई हिस्सों में लोग नींद