मुम्बई : दीपिका पादुकोण ने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में अवसाद पर बात की है। दीपिका ने कहा, मानसिक स्वास्थ्य का इस बात से कोई मतलब नहीं है कि आप कितने सक्सेसफुल हो। दीपिका 2014 में इसकी शिकार हो चुकी हैं। दीपिका ने आगे कहा,’2014 में मेरी जिन्दगी में बहुत कुछ हो रहा था,लोगों को लगता था कि प्रोफेशनली वो मेरे कॅरियर का सर्वश्रेष्ठ दौर था। मैं सफलता के चरम पर थी लेकिन अवसाद में भी थी। इसके कोई वार्निंग साइन मुझे कभी महसूस नहीं हुए थे। ये किसी को भी घेर सकता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास कितना पैसा है और आप कितने कामयाब हो।’ दीपिका ने अवसाद से निकलने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव किए और मेडिकेशन का सहारा लिया। इस दौरान कई लोग मेरे पास आए और कहा कि उन्हें देखकर कई उन लोगों के मन से आत्महत्या के ख्याल निकल गए। उन्होंने देखा कि मैं इससे कैसे उबर पाई और फिर उन्होंने इसे अपनी जिन्दगी में आजमा कर अवसाद से मुक्ति पा ली और यही मैं चाहती थी इसलिए मुझे ख़ुशी है कि मैंने अवसाद के बारे में खुलकर बात की जो सब करने से बचते हैं। अपना दर्द समझते हुए दीपिका ने उन लोगों की मदद का जिम्मा उठाया जो अवसाद के शिकार हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के लिए 2014 में लिव लव लाफ फाउंडेशन खोला। उन्होंने यहां आए लोगों के साथ अपने अनुभव साझा किये ताकि वह भी उससे उबर सकें। दीपिका ने इस साक्षात्कार में 2015 के आंकड़े भी गिनाए। उन्होंने बताया भारत में सिर्फ 2015 में ही अवसाद से जूझ कर आत्महत्या करने वाले युवक-युवतियों की संख्या 50000 थी।