लखनऊ : फिल्म ‘‘न्यूटन’’ के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि भारतीय दर्शक अब बदल रहे हैं, उन्हें अच्छी लोकेशन, बड़े सितारे और आलीशान सेट की बजाय सीधी सादी अच्छी कहानी वाली फिल्में पसंद आ रही हैं, अब कहानी ही फिल्म की असली हीरो बन चुकी है और इस लिहाज से यह सिनेमा का अच्छा दौर है, जिसकी वजह से हम जैसे कलाकारों को भी अब इज्जत मिलने लगी है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में निष्पक्ष चुनाव करवाने के विषय पर आधारित ‘न्यूटन’ में एक असिस्टेंट कमांडेंट का किरदार निभाने वाले पंकज त्रिपाठी का मानना है कि इस फिल्म को ऑस्कर में भेजने के लिए चुना जाना इस बात का प्रमाण है कि अब हिंदी सिनेमा बदल रहा है।
राष्ट्रीय पुरस्कार :स्पेशल मेंशन: हासिल करने वाले पंकज ‘फुकरे’, ‘मसान’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘ओमकारा’, ‘गुंडे’, ‘निल बटे सन्नाटा’, ‘अनारकली ऑफ आरा’ और ‘मांझी: द माउंटेन मैन’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने से उत्साहित पंकज कहते हैं कि वह आने वाले समय में इसी तरह मेहनत करके अच्छी फिल्मों का हिस्सा बने रहेंगे। हालांकि वह कमर्शियल फिल्में भी करते रहेंगे।
निर्माता निर्देशक अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’ की शूटिंग के सिलसिले में लखनऊ आए पंकज ने ‘‘भाषा’’ से खास बातचीत में कहा, ‘‘ मैं ‘करीब 20 साल से फिल्म इंडस्ट्री से किसी न किसी तौर पर जुड़ा हूं मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे न्यूटन जैसी फिल्म के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जिसे नये लोगों की टीम के साथ बनाया गया था और किसी को ख्वाबो ख्याल में भी गुमान नहीं था कि यह फिल्म आस्कर के लिये भी भारत की प्रविष्ठि के तौर पर चुनी जाएगी। हालांकि राष्ट्रीय सम्मान पाने की खुशी दुनिया के हर पुरस्कार से बड़ी है । ‘ बिहार के गोपाल गंज के एक छोटे से गांव के रहने वाले पंकज त्रिपाठी पूरी तरह से मिट्टी से जुड़े अभिनेता हैं। उनके घर में आज भी चूल्हे पर खाना बनता है। उन्होंने आज के इस मुकाम पर पहुंचने के लिये काफी संघर्ष किया है । अभिनेता बनने की चाह लेकर वह बिहार से दिल्ली आये और 2001 में नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में दाखिला लिया। इस दौरान वह थियेटर आदि से जुड़ रहे और 2004 में मुंबई गये ।
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने से गर्व के साथ ही अपने देश के लिए कुछ करने की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है । अब फिल्मों का चयन करते समय अच्छी भूमिकाओं और मनोरंजन के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखूंगा कि उसमें कोई सामाजिक संदेश भी हो।’’
लखनऊ को अपने लिए भाग्यशाली बताते हुए अभिनेता ने कहा कि पिछले साल उनकी दो हिट फिल्मों ‘बरेली की बर्फी’ और ‘निल बटे सन्नाटा’ की शूटिंग उत्तर प्रदेश में हुई थी और अब जब वह लखनऊ में अपनी अगली फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं तो उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिल गया ।
अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में त्रिपाठी ने बताया कि ‘‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’ के अलावा दक्षिण के मशहूर अभिनेता रजनीकांत के साथ ‘काला’ और करन जौहर के साथ फिल्म ‘ड्राइव’ कर रहे हैं ।