अंबाला। कुछ साल पहले सिंगापुर एयरलाइन्स की स्कॉलरशिप के लिए 22 इंडियन स्टूडेंट्स में हरियाणा के अंबाला में रहने वाली 16 साल की स्वाति भार्गव सिलेक्ट हुई थीं। तब मौके की अहमियत समझते हुए उनके पिता ने उन्हें सिंगापुर भेजने का फैसला लिया। इस स्कॉलरशिप के जरिए स्वाति ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ऑनर्स इन मैथेमैटिक्स एंड इकोनॉमिक्स में एडमिशन ले लिया।
स्वाति मैथ्स में एक्सपर्ट है। यही कारण था कि उन्हे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर ऑक्सफोर्ड से स्कॉलरशिप मिली। ग्रैजुएशन के दौरान स्वाति ने गोल्डमैन साक्स में समर इंटर्नशिप ज्वॉइन कीइसी इंटर्नशिप में कंपनी ने उन्हें जॉब ऑफर दे दिया। स्वाति की दिलचस्पी बिजनेस करने में जागी और उन्होंने अपना जॉब छोड़ दिया।स्वाति और उनके पति रोहन भी कैशबैक के लिए यूके की वेबसाइट क्यूइड्को का इस्तेमाल करते थे । स्वाति ने पति के साथ कैशबैक का कारोबार शुरू करने का फैसला किया। 2011 में अपनी पहली यूके वेबसाइट पोरिंग पाउंड्स शुरू की। इसकी शुरुआत उन्होंने अपनी बचत से की और फिर करीब 75,000 डॉलर के फंड्स का इंतजाम किया।
कैशकरो का सफर
जल्द ही पोरिंग पाउंड्स को यूके में काफी पसंद किया जाने लगा। कुछ ही वक्त में इस वेबसाइट से तकरीबन 2500 लोकप्रिय ब्रांड्स जुड़ गए। इस सफलता से उत्साहित होकर स्वाति कारोबार को विस्तार देने के बारे में सोचने लगीं। इसी दौरान उन्होंने देखा कि भारत में ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपर्स 50 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहे हैं और यहां कैशबैक के कॉन्सेप्ट के लिए काफी स्कोप है। स्वाति ने कैशबैक की अवधारणा को भारत लाने के अपने प्लान को हकीकत में बदलते हुए 2013 में भारत में कैशकरो डॉट कॉम लॉन्च कर दी।
कम वक्त में बड़ा मुकाम
शुरुआत के पहले ही साल में कैशकरो डॉट कॉम के कारोबार में 1000 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। यही नहीं यह वेबसाइट देश की प्रमुख 500 ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए लगभग 150 करोड़ के रिटेल कारोबार का जरिया बनी। आज कैशकरो डॉट कॉम रोजाना 3000 से ज्यादा ट्रांजैक्शन्स को अंजाम देती है और अपने मेम्बर्स को करोड़ों रुपए का कैशबैक दे चुकी है। 30 मिलियन डॉलर के रेवेन्यू के साथ कैशकरो सभी तरह के डिस्काउंट्स, ऑफर्स, वाउचर्स आदि के लिए देश की सबसे बड़ी वेबसाइट का मुकाम हासिल करने को अग्रसर है।