छह साल बाद मकर संक्रांति पर बन रहा है यह योग

छह साल बाद मकर संक्रांति  रविवार को आ रही है। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि एवं रवि प्रदोष का योग भी बन रहा है। ऐसे में सूर्योपासना करने एवं दान-पुण्य का कई गुना फल मिलेगा।

सूर्य भी उत्तरायण में होगा। संक्रांति पर सर्वार्थसिद्धि योग दिनभर मान्य रहेगा, क्योंकि शनिवार मध्य रात से यह योग शुरू हो जाएगा और दोपहर 1:13 बजे तक रहेगा। सूर्योदय के समय यह योग रहने से दिनभर पूजा-खरीदी भी की जा सकेगी। यह पर्व चूंकि सूर्य की उपासना से जुड़ा है। संयोग से इसी दिन सूर्य का दिन रविवार भी है। ऐसे में यह पर्व खास हो जाएगा। प्रदोष होने से रवि प्रदोष का भी संयोग बनेगा।

पं. अक्षय शास्त्री के अनुसार इससे पहले 2012 में भी रविवार को ही मकर संक्रांति आई थी। एक वर्ष में सूर्य क्रम से  राशि में भ्रमण करते हैं। इस तरह 12 वर्ष में 12 राशियों का भ्रमण करते हैं। राशि बदलने की प्रक्रिया को ही संक्रांति कहा जाता है। सूर्य अभी धनु राशि में हैं। आगे धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो यह मकर संक्रांति कहलाएगी। यह परिवर्तन 14 जनवरी को होगा, इसलिए इस दिन पर्व मनाया जाएगा।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

छह साल बाद मकर संक्रांति पर बन रहा है यह योग

छह साल बाद मकर संक्रांति  रविवार को आ रही है। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि एवं रवि प्रदोष का योग भी बन रहा है। ऐसे में सूर्योपासना करने एवं दान-पुण्य का कई गुना फल मिलेगा।

सूर्य भी उत्तरायण में होगा। संक्रांति पर सर्वार्थसिद्धि योग दिनभर मान्य रहेगा, क्योंकि शनिवार मध्य रात से यह योग शुरू हो जाएगा और दोपहर 1:13 बजे तक रहेगा। सूर्योदय के समय यह योग रहने से दिनभर पूजा-खरीदी भी की जा सकेगी। यह पर्व चूंकि सूर्य की उपासना से जुड़ा है। संयोग से इसी दिन सूर्य का दिन रविवार भी है। ऐसे में यह पर्व खास हो जाएगा। प्रदोष होने से रवि प्रदोष का भी संयोग बनेगा।

पं. अक्षय शास्त्री के अनुसार इससे पहले 2012 में भी रविवार को ही मकर संक्रांति आई थी। एक वर्ष में सूर्य क्रम से  राशि में भ्रमण करते हैं। इस तरह 12 वर्ष में 12 राशियों का भ्रमण करते हैं। राशि बदलने की प्रक्रिया को ही संक्रांति कहा जाता है। सूर्य अभी धनु राशि में हैं। आगे धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो यह मकर संक्रांति कहलाएगी। यह परिवर्तन 14 जनवरी को होगा, इसलिए इस दिन पर्व मनाया जाएगा।

 

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