जीवन में तकनीक का महत्व है और युवाओं के लिए रोजगार का। एक समय था जब तकनीक को अपनाने में हिचक होती थी और आज भी कई शिक्षक शिक्षण कार्यों के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने से कतराते हैं।
दूसरी तरफ कुछ शिक्षक और शिक्षिकाएँ ऐसी हैं जिन्होंने इस नयेपन का स्वागत किया और अपने साथ विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहित कर रही हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार उनको एक अलग पहचान दे रहा है। ऐसी ही एक शिक्षिका हैं केन्द्रीय विद्यालय, बालीगंज की वरिष्ठ शिक्षिका चन्द्रप्रभा भाटिया, जिनसे अपराजिता ने बात की…आप भी कीजिए मुलाकात –
आज की शिक्षा में कौशल विकास का महत्व बढ़ा है
शिक्षा का अर्थ है अध्ययन तथा ज्ञान ग्रहण करना। शिक्षा चेतन या अचेतन रूप से मनुष्य की योग्यता को बढ़ाती है। सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार स्वतंत्रता देकर सर्वांगीण विकास करना ही वास्तविक शिक्षा है। आज शिक्षा जीवन की चुनौतियों का सामना करना सिखाती है और आज कौशल विकास का महत्व भी आधुनिक शिक्षा में बढ़ गया है।
विद्यार्थिय़ों के साथ शिक्षकों के लिए भी जरूरी है तकनीक
तकनीकी शिक्षा आज बहुत महत्वपूर्ण है। कई देशों में शिक्षण संस्थान ऑनलाइन हो गये हैं, उनके पाठ्यक्रम इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और मल्टीमीडिया को स्कूलों में प्रोत्साहन मिल रहा है। ये बहुत आवश्यक है। विद्यार्थिय़ों के साथ शिक्षकों के लिए भी जरूरी है। वे विद्यार्थियों में सोचने की क्षमता, प्रक्रिया को बढ़ाकर उसे स्वतंत्र बना रहे हैं और ये छात्र 21वीं सदी के छात्र बन रहे हैं। कक्षा में इसे लाया जाना चाहिए क्योंकि यह बच्चों के लिए रोचक है। मैं खुद न सिर्फ तकनीक इस्तेमाल करती हूँ बल्कि आज भी माइक्रोसॉफ्ट और इन्टेल जैसी अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियों से जुड़ी हूँ।
निःशुल्क शिक्षा ड्रॉप आउट दर को कम करेगी
सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षा मौलिक अधिकार है। निःशुल्क शिक्षा ड्रॉप आउट दर को कम करेगी। मेरा मानना है कि शिक्षा पर सभी का अधिकार होना चाहिए और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि यह गुणवत्तापरक पाठ्यक्रम और पाठ्यसामग्री व अन्य सुविधाएँ प्रदान करे। हम पीपीपी मॉडल की बात कर रहे हैं मगर मुझे लगता है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है। बड़ों की शिक्षा प्रदान करने की दिशा में समुचित कदम उठाए जाने चाहिए।
2007 से लेकर अब तक कई पुरस्कार और सम्मान मिले
2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया था। मुझे 2009 में गुरुकुल अवार्ड्स, 2015 का माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एडुकेटर एक्सपर्ट, 2016 को आईडीए टीचिंग अवार्ड्स समेत कई पुरस्कार मिले हैं। 2014 में कौमी एकता मंच पुरस्कार मिला। तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए और कक्षाओं में नयापन लाने के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है और कई बार विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। अब तक बहुत से राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
उसे कभी न भूलें या जिसने आपको जीवन में कुछ सिखाया हो
मैं अब भी अपने शिक्षकों को बहुत याद करती हूँ। हिन्दी की शिक्षिका बीजू रानी पाल से लगाव था और मुझे लगता है कि हम अपने जीवन में अगर कुछ बन पाते हैं तो उसे कभी न भूलें या जिसने आपको जीवन में कुछ सिखाया हो।
We are proud of you Mrs Bhatia
– Surojoy (ex student)