कोलकाता – गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस और सुन्दर काण्ड में राम और सीता के जिस रूप को प्रस्तुत किया है वह अतुलनीय है । उन्होंने कहा सुन्दर काण्ड हमारी संवेदना और संभावना को स्फूर्ति प्रदान करता है । हमारे जीवन में सघन अँधेरा क्यों न हो सुन्दर काण्ड का एक पाठ ही जीवन में प्रकाश पैदा कर देता है । कई शताब्दियों बाद भी तुलसीदास के शब्द असीम शक्ति और प्रेरणा देते हैं । सुन्दर काण्ड ऊर्जा का श्रोत है । ये उद्गार हैं मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के मुख्य सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव के जो सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के तत्वाधान में आयोजित तुलसी जयंती समारोह में बतौर विशिष्ठ अतिथि बोल रहे थे । समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्णाबिहारी मिश्र ने कहा कि तुलसीदास का साहित्य आज हो रहे पाखण्ड में भी हमें रास्ता दिखा सकता है । भारतीय संस्कृति को समझना हो तो तुलसी साहित्य पढ़ना चाहिए क्योंकि उनके साहित्य में हमें संस्कृति की रक्षा का आश्वासन मिलता है ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ । पुस्तकालय के उपाध्यक्ष भरत कुमार जालान ने स्वागत भाषण देते हुए पुस्तकालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने किया । पुस्तकालय अध्यक्ष तुलाराम जालान ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इस अवसर पर कलकत्ता विश्वविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. राजश्री शुक्ला, सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय की टीचर इंचार्ज इन्दरपाल कौर, मनीषा त्रिपाठी, हेमन्त कुमार जालान, अनुराधा जालान, दिव्या जालान, ईशान जालान, , कमलेश कृष्ण मिश्र, जयप्रकाश सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीराम तिवारी, श्रीमोहन तिवारी, आदि का सक्रिय योगदान रहा।