सऊदी अरब में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड बना हुआ है। यहां महिलाओं की पोशाक ऐसी होनी चाहिए, जिसमें उनका पूरा शरीर यानी कि सिर से पांव तक ढका हो। यहां तक कि सऊदी अरब में पश्चिमी देशों से आने वाली महिलाएं भी इस नियम का पालन करती हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा को भी सऊदी अरब में सिर पर स्कार्फ बांधे देखा गया। यही नहीं पश्चिमी देशों की कद्दावर नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हिलेरी क्लिंटन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी यहां अपने सिर पर स्कार्फ रखा।
अपने देश में बुर्के पर पाबंदी लगाने के दौरान मर्केल ने कहा था कि यह उनके देश में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है, और जहां भी संभव हो सके, वहां पर इस पर बैन लगना चाहिए। ऐसे में एंजेला का सिर पर स्कार्फ रखना उनके अपने ही फैसले पर सवालिया निशान उठा सकता था।पर मिशेल ओबामा की तरह जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने ऐसा कुछ नहीं किया। वो सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन नयफ अरब से मिलीं पर इस्लामी अदब के विपरीत उन्होंने अपने सिर पर स्कार्फ नहीं रखा था। थोड़ी ही देर में यह बात सऊदी अरब की मीडिया में फैल गई और लोग हैरान होने लगे।
दरअसल, एंजेला मर्केल दुनिया की उन कुछ नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अपने देश में बुर्का प्रतिबंधित कर दिया है। एंजेला मर्केल के अनुसार बुर्का पहनना या सिर से पांव तक ढके रहने का रिवाज उनके जर्मन संस्कृति में नहीं है, इसलिए वो अपनी संस्कृति के विरुद्ध नहीं जा सकतीं।
एंजेला मर्केल का यह कदम दुनियाभर के उन देशों के लिए सबक है, जो महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर उनके अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठाते हैं। भीड़ से अलग चलने वाली मर्केल नारी सशक्तिकरण में पूर्ण यकीन रखती हैं और ये मानती हैं कि महिलाओं को अपनी शर्तों पर जीने का अधिकार है।
एंजेला मर्केल उन शर्णार्थियों के लिए मदद मांगने सऊदी अरब पहुंची थीं, जो हाल ही में सीरिया, इराक, लीबिया, अफगानिस्तान आदि से यूरोप पहुंचे हैं।