तिरंगे के सम्मान के लिए एक अकेले की अमेजन से जंग

दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स शॉपिंग वेबसाइट अमेजन के मालिक जो कि दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति भी हैं। उन्होंने कहा था, “सही मायनों में उपभोक्तावाद का मतलब है, सबसे खराब हालत में भी लोगों से वो चीजें खरीदवा लेना जिससे उनके जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं होता।”

ऐसा कहा भी गया है कि आप जैसा सोचते हैं, कहते हैं वैसा ही करते भी हैं। ठीक ऐसा ही कुछ अमेजन के साथ हो रहा है। अमेजन की यूके, कनाडा और जर्मनी की वेबसाइटों पर इंडियन नेशनल फ्लेग के डिजाइन वाले प्रोडक्ट सरे आम बेचे जा रहे हैं। कुत्ते के पट्टे से लेकर तिरंगे के स्टीकर सहित डोरमेट तक बेचे जा रहे हैं। शायद अमेजन को इस बात का इल्म न हो कि भारत में हम तिरंगे का सिर्फ सम्मान ही नही करते बल्कि इससे हमारी भावनाएं भी जुड़ी होती हैं।

जनवरी की बात है। हैदराबाद के अभिषेक जगिनि, जो कि पब्लिक पॉलिसी और गुड गवर्नेंस के वकील हैं। उन्होंने अमेजन इंडिया की वेबसाइट पर बेचे जा रहे इंडियन तिरंगे के निशान वाले डॉग टैग और डोरमेट की ओर पूरे देश का ध्यान खींचा जब उन्होंने इस बाबत सुषमा स्वराज सहित कनाडा के प्रधानम मंत्री जस्टिन ट्रडवे को टैग करते हुए ट्ववीट लिखे। ट्ववीट में अभिषेक जगिनि ने अमेजन पर बेची जा रही इंडियन नेशनल फ्लैग को लेकर आपत्ती जताई थी।

इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कनाडा हाई कमीशन को ट्वीट लिखते हुए, हर जरूरी एक्शन लेने को कहा था। साथ ही साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेजन को ये धमकी भी दी थी कि अगर जल्द से जल्द ये प्रोडक्ट साइट से नहीं हटाए गए तो अमेजन के किसी भी एम्पलॉई को इंडियन वीजा नहीं दिया जाएगा।  जिसके बाद अमेजन इंडिया के हेड और वाइस प्रेसिडेंट अमित अग्रवाल ने ट्वीट का जवाब देते हुए ये कहा था कि किसी भी देश के नेशनल फ्लैग का अपमान करने का हमारा कोई इरादा नहीं था और साइट पर बेचे जा रहे इन प्रोडक्ट के लिए थर्ड पार्टी को जिम्मेवार बताया था। लेकिन इसके बाद शायद फिर अमेजन ने इस ओर ध्यान दिया ही नहीं।

इस बारे में बात करते हुए एक मीडिया हाउस से बात करते हुए अभिषेक ने कहा कि, “अमेजन द्वारा दी गई शुरुआती सफाई कुछ और नहीं बल्कि आंखों में धूल झोंकने की कोशिश थी।”

भारतीय कानून के तहत अमेजन है गुनहगारः अपनी विदेशी वेबसाइटों पर इस तरह के प्रोडक्ट बेच कर अमेजन कई कानून तोड़ रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या भारतीय न्यायालय को इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार है?

उदाहरण के लिए, राष्ट्र सम्मान रक्षा कानून,1971 के सेक्शन-2 के तहत  तीन साल के कैद की सजा है। इसमें बताया गया है कि जो कोई भी किसी सार्वजनिक स्थल में या किसी अन्य जगह पर तिरंगे का अपमान करता है उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावे फाइन भी चार्ज किया जा सकता है। इतना ही नहीं फ्लैग कोड ऑफ इंडिया, 2002 के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय झंडे की स्वीकृत आकार की सूची  भी दी गई है। इसके साथ ही इसके व्यावसायिक इस्तेमाल पर भी रोक की बात की गई है।

अभिषेक ने फिर से कर ली है तैयारीः पेशे से वकील और ‘द सागा ऑफ तेलंगाना’ के लेखक  अभिषेक ने इस बार बड़े स्तर पर अमेजन को घेरने की तैयारी कर ली है। अभिषेक इस मामले को अब नेशनल लेवल पर विदेश मंत्रालय के सामने लाएंगे।
उन्होंने कहा कि, “मैं इस बाबत विदेश मंत्रालय को एक मेमोरेंडम सबमिट करूंगा और उन्हें बताउंगा कैसे अमेजन हमारे राष्ट्रीय झंडे का अपमान कर रहा है।”
सच कहा गया है अगर आपमें कुछ बदलने का जज्बा हो तो आपके अकेले की लड़ाई भी बड़ा बदलाव ला सकती है।

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