बच्चा गोद लेने की नीति में बदलाव के बाद अब भारतीय माता-पिता अपनी इच्छा के मुताबिक बच्चे को गोद नहीं लेे सकेंगे। ये नया नियम सोमवार से देशभर में लागू हो गया।
इस नियम के बाद होने वाले माता-पिता को नेशनल अडॉप्शन बॉडी के जरिए दिए गए विकल्प को ही चुनना होगा, उनके पास बच्चे के चुनाव की आजादी नहीं होगी। ऐसे में दंपति के पास एक ही विकल्प मौजूद होगा कि वो बच्चे को गोद लें या फिर नहीं।
अब तक माता-पिता सरकार के अडॉप्शन पोर्टल पर एक रजिस्ट्रेशन करते थे, जिसके बाद उन्हें तीन बच्चों की प्रोफाइल विकल्प के रूप में दी जाती थी। इन विकल्पों में से वो एक बच्चा चुन सकते थे,लेकिन अब इस प्रक्रिया का अंत हो चुका है।
क्यों हुआ इस नियम में बड़ा बदलाव
चाइल्ड अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) के सीईओ दीपक कुमार कहते हैं कि बच्चा गोद लेने की दर अब तक बहुत धीमी थी। कई बार विकल्प देने की स्थिति में कई बच्चे काफी वक्त तक अपने होने वाले मां-बाप से वंचित रह जाते थे।
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में अब बदलाव के बाद रजिस्ट्रेशन करने वाले मां-बाप को एक बच्चे की प्रोफाइल भेजी जाएगी, जिसे स्वीकार करने के लिए उन्हें 48 घंटे का समय दिया जाएगा। इस वक्त में या तो वो बच्चा गोद ले सकते हैं, या फिर इस विकल्प को छोड़ सकते हैं।
बच्चे को गोद करने के लिए अब होने वाले मां-बाप को 20 दिन के अंदर सारी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।