नई दिल्ली: हिंदी प्रेमियों के लिए यह अच्छी ख़बर हो सकती है कि इंटरनेट की दुनिया में हिंदी भाषियों का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है और इस आभासी दुनिया में हिंदी वाले इसी तरह अपनी पैठ बनाते रहे तो जल्द ही ये अंग्रेजी को काफी पीछे छोड़ जाएंगे।
वर्ष 2021 तक 53.6 करोड़ लोगों के ऑनलाइन रहने के समय अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है। उसका श्रेय मोबाइल फोनों एवं डाटा पैक के घटते दाम तथा और स्थानीय सामग्री की उपलब्धता को जाएगा। यह बात गूगल- केपीएमजी की रिपोर्ट में आई है.
रिपोर्ट के अनुसार हिंदी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2021 तक अंग्रेजी वालों से बहुत आगे निकल जाएगी और यह संख्या 19.9 करोड़ तक पहुंच जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि उस समय तक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की तादाद 73.5 करोड़ हो जाएंगी। उनकी संख्या 2016 में 40.9 करोड़ थी।
रोचक बात यह है कि भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का उपयोग करने वालों में बड़ी संख्या में लोग पहले से ही सरकारी सेवाओं, क्लासीफाइड और खबरों का लाभ उठा रहे हैं तथा भुगतान भी वे ऑनलाइन ही करते हैं। ऐस लोग न केवल चैट ऐप और डिजिटल मनोरंजन का लाभ उठा रहे हैं बल्कि वे डिजिटल भुगतान तरीके भी अपना रहे हैं। वर्ष 2016 में भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या 23.4 करोड़ थी जबकि अंग्रेजी में इसका उपयोग करने वालों की संख्या 17.7 करोड़ थी। हिंदी के अलावा मराठी, बंगाली, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी बढ़ने की संभावना है।