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सुषमा त्रिपाठी
कहते हैं कि प्यार में कोई शर्त नहीं होती और आप जिससे प्यार करते हैं, उसकी कद्र करना जरूरी होता है। शायद आपने भी किया है और आप जैसे बहुत से लड़के या पुरुष या दोस्त करते हैं मगर क्या आप प्यार का मतलब समझते हैं। युवाओं में से अधिकतर और आप नहीं तो मुमकिन है कि आपके दोस्त या जान – पहचान में कोई किसी न किसी लड़की को चाहता होगा, शादी का इरादा भी रखता होगा मगर एक बार खुद से पूछिए क्या आप इनकार सुनने की हिम्मत रखते हैं? आजकल प्यार व्हाट्सएप से शुरू होता है और वीडियो कॉलिंग तक पहुँचता है और स्कूलों या कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे भी वेलेंटाइन्स खोजते फिरते हैं। अगर बात बनी तो कुछ दिनों तक डेट किया और रास्ता अलग हो गया तो शिकायत नहीं करते।
कुछ ऐसे होते हैं जो अपनी भावनाओं को संजीदगी से लेते हैं और इतनी संजीदगी से लेते हैं कि जिससे प्यार किया है, उसे अपनी सम्पत्ति मान लेते हैं। आप इसे प्यार समझते हैं मगर ये प्यार नहीं है, ऐसा बंधन है जिसमें एक दिन आपके प्यार का दम घुट जाएगा। इस तरह के रिश्ते दिल से नहीं मजबूरी से चलते हैं और जनाब मजबूरी को प्यार नहीं करते। जिस तरह आप अपने परिवार में अपनी निजी जिन्दगी के लिए स्पेस चाहते हैं, वही स्पेस आपको देना होगा। मोहब्बत जी –हूजूरी नहीं होती इसलिए आप दोनों को एक दूसरे की निजता और इच्छाओं का सम्मान करना होगा।
आपमें से अधिकतर युवा हमारी फिल्मों के नायकों को अपनी प्रेरणा मान बैठते हैं और आपको लगता है कि शाहरुख खान या किसी और किरदार की तरह कुछ दिन आप पीछा करेंगे और अंत में वह मान जाएगी। सज्जनों, पहली बात तो यह है कि जिन्दगी फिल्म नहीं है और जिस नायक को प्रेरणा मानकर आप किसी लड़की से ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो याद रखिए कि वह जिन्दगी भर आपसे नफरत करेगी और डर में शाहरुख खान के किरदार का अन्त भी दर्दनाक ही होता है। आप उसके लिए दहशत बनेंगे और दहशत में डर होगा, नफरत होगी मगर प्यार कभी नहीं होगा, आप उसे हासिल करना चाहते हैं मगर याद रखिए जो प्यार करते हैं, वह हासिल नहीं करते। हासिल करने वाले जीतते नहीं हारते हैं, हमेशा। जरा सोचिए, ये आपका कैसा प्यार है जो उसके चेहरे पर दहशत लिखता है, जिसे वह प्यार करने का दावा करता है। वह आपसे दूर जाना चाहती है और आप सोच रहे हैं कि मेरी नहीं तो किसी और की नहीं, तेजाब फेंकने वाले भी बहुत हैं। आप एक बात बताइए कि क्या आपका प्यार, आपकी संवेदनाएं इतनी कमजोर है कि एक इनकार आपको आशिक से दरिन्दा बना देगा। क्या आपको नहीं लगता कि यह आपकी हार है क्योंकि जो प्यार करते हैं, वे खुद को हारकर दिल जीतते हैं। आप उस चेहरे को बदसूरत और उसकी जिन्दगी को जहर बनाने की सोच रहे हैं, जिस चेहरे पर आप मर मिटे थे और हर वक्त उसे अपने सामने देखना चाहते हैं, क्या आपकी नफरत आपकी हार नहीं है? मान लीजिए, आपने ये कर भी डाला मगर इसके बाद क्या, क्या सिर्फ एक व्यक्ति के लिए अपनी जिन्दगी, परिवार और अपना भविष्य दाँव पर लगाना नहीं है? क्यों आप उसके लिए अपनी जिन्दगी को दाँव पर लगाना चाहते हैं जिसकी जिन्दगी में आप कहीं हैं ही नहीं? पीछा करना और तेजाब फेंकना कमजोरी ही नहीं अपराध है और हमारी सलाह यह है कि आपको किसी के लिए भी अपनी जिन्दगी दाँव पर नहीं लगानी चाहिए। रोज का पीछा, रोज के फोन कॉल और रोज ढिठाई..ये सब करके लड़का समझ लेता है कि ‘हसीना मान जाएगी’, लेकिन ऐसा नहीं है जनाब। लड़की पटाने के लिए आपने फिल्मों से तो आइडिया ले लिया लेकिन ये फिल्म नहीं है, असल जिंदगी है, जहां जरूरी नहीं कि हर बार स्टॉकिंग का सबब हैप्पी एंडिंग हो। कहीं ऐसा न हो कि आपका जुनून आपको जेल के पीछे धकेले।
अक्सर हम छेड़छाड़ की खबरों रोजाना रूबरू होते हैं। कभी मनचले लड़कियों को छेड़ते हैं तो कभी कोई सिरफिरा आशिक अपने प्यार का हक जताने के लिए लड़कियों को प्रताड़ित करना शुरू कर देते है..और इसके बाद भी अगर सफलता ना मिले तो समझो लड़की का रास्ते से सफाया या फिर उस पर तेजाब फेंक दिया जाता है। ‘वो मेरी नहीं तो किसी की नहीं’..कुछ इसी तरह की भावना ये लड़के अपने मन में पाल लेते हैं। लेकिन ताज्जुब तो इन लड़कों की उन तकनीकों को देखकर होता है जो ये अपनाते हैं। सच मानिए, ये लड़कियों के लिए सिर्फ दहशत है, प्यार करते हैं तो मुस्कान दीजिए दहशत नहीं। हो सकता है कि आपकी हरकतों के कारण उसकी पढ़ाई छुड़वाकर घर बैठा दिया जाए, आप भी जानते हैं कि ये आज भी होता है। आप उसे प्यार करते हैं तो ये कैसा प्यार है जो अपने प्यार के सपनों को रौंदने की वजह बन जाए। प्यार जबरदस्ती नहीं होता, अगर सच में प्यार करते हैं तो कोशिश कीजिए और समझाइए और वह नहीं होता तो एक अच्छे दोस्त बनिए और उसे जिन्दगी में आगे बढ़ने में मदद कीजिए।
फिल्मों को समाज का आईना कहा जाता है यानि जो समाज में हो रहा है या होता है उसे ही फिल्मों में दिखाया जाता है। लेकिन अब तो स्थिति उलट ही नजर आती है। अब तो मनचले फिल्मों से सीखते हैं और उसे असल जिंदगी में अप्लाई करते हैं। सोचते हैं कि इस स्टाइल की वजह से फिल्म में हीरोइन मान गई तो असल जिंदगी में भी उनकी हसीना मान जाएगी लेकिन इसका अंजाम बहुत बुरा है।
खुद से प्यार कीजिए क्योंकि आप किसी को कितना भी चाहें, वह आपसे ज्यादा कीमती नहीं हो सकता। हम नहीं कहते कि अपना प्यार भुला दीजिए मगर उसे जहर नहीं अपनी ताकत बनाइए, अमृत बनाइए, सृजनात्मक चीजों में अपनी भावनाएं लाइए, अपने काम में लाइए। जो प्यार आपको नहीं मिला, वह उनको बाँटिए जिसे इनकी वाकई जरूरत है क्योंकि आपकी संवेेदनाए कीमती हैं, उनको जाया नहीं होना चाहिए। प्यार जिन्दगी का हिस्सा हो सकता है, पूरी जिन्दगी नहीं होता। प्यार निभाने के और भी तरीके हैं और हर बार प्यार की मंजिल शादी हो, ये जरूरी नहीं, वह दोस्ती भी हो सकती है, बशर्ते आपका प्यार इस पर सहमत हो, अगर नहीं है तो उसे जाने दीजिए। जो आपका होगा, वह कहीं भी रहे, किसी न किसी रूप में लौटकर आएगा और नहीं आया तो वह आपके लिए था ही नहीं और जो आपका था ही नहीं, उसके लिए अपराध या प्रतिशोध की आत्मघाती राह चुनने का कोई मतलब नहीं है। मुमकिन है कि जिन्दगी आपको एक और मौका दे और एक पल ऐसा आए कि उसे भी अफसोस हो कि उसने आपका साथ क्यों नहीं दिया, तब वह आखिरी जीत आपकी होगी इसलिए मोहब्बत कीजिए मगर जबरदस्ती नहीं क्योंकि मोहब्बत है ये जी – हूजूरी नहीं।