विमलेश ने अपने कंधे पर कविता को उठाकर यहाँ तक पहुँचाया है – केदारनाथ सिंह

नीलांबर कोलकाता द्वारा शरत सदन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में युवा कवि कथाकार विमलेश त्रिपाठी की वाणी प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित नई कविता पुस्तक ‘कंधे पर कविता’ का विमोचन वरिष्ठ कवि  केदारनाथ सिंह ने किया। उक्त अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि खंडवा से प्रताप राव कदम, वाराणसी से डॉ. शिवानी गुप्ता, भुवनेश्वर से डॉ. राकेश कुमार सहित कोलकाता से डॉ. शंभुनाथ, डॉ. अभिज्ञात, शैलेन्द्र शांत, डॉ. मीरा सिन्हा, डॉ.आशुतोष, पीयूष कांत राय, निशांत एवं अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।

केदारनाथ सिंह ने विमलेश त्रिपाठी के इस संग्रह पर बोलते हुए कहा कि विमलेश एक ऐसे कवि हैं जिन्हें मैं बहुत पसंद करता हूँ। इस संग्रह में कवि कुछ कदम और आगे बढ़ाते हुए खुद को सिद्ध करता है। विमलेश ने अपने कंधे पर कविता को उठाकर यहाँ तक पहुँचाया है, हमें उम्मीद करेंगे कि वे इसे बहुत आगे तक ले जाएंगे।

खंडवा से विशेष तौर पर विमोचन के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पधारे चर्चित कवि प्रताप राव कदम ने कहा कि विमलेश ने अपनी सशक्त लेखनी की बदौलत बिना अपनी पहली पीढ़ी को कुछ कहे-बताए कविता और कथा के फलक पर एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनका संग्रह कंधे पर कविता उनके कवित्व और सरोकार का प्रमाण प्रस्तुत करता है।

वाराणसी से आई युवा आलोचक डॉ. शिवानी गुप्ता ने विमलेश के संग्रह को इस मायने में महत्वपूर्ण बताया कि उसमें लोक की अनुगूँज के साथ ही संबंधों की पीड़ा और रचनाकार का दुख भी अभिव्यक्त हुआ है। तमाम दुख और निराशा के बीच विमलेश उम्मीद और प्रेम को बचाए रखने वाले कवि हैं।

भुवनेश्वर से आये युवा समीक्षक डॉ. राकेश कुमार सिंह ने विमलेश की कविता को सार्वदेशिक अनुभव संपन्न बताते हुए कहा कि उनकी कविताओं की स्थानीयता एक वैश्विक जिम्मेवारी लिए हुए है। उनके कंधे पर कविता एक बड़ा दायित्व है। युवा आलोचक और शोधार्थी पीयूष कांत राय ने विमलेश की कविताओं को पर्यावरण की चिंता से जोड़ा।

विमोचन के बाद नीलांबर समूह द्वारा उदय प्रकाश की कविता पर माइम की प्रस्तुति की गई। विमलेश त्रिपाठी के संग्रह ‘कंधे पर कविता’ पर एक काव्य कोलाज के साथ ही ऋतेश पांडेय द्वारा निर्देशित दारियो  फो की कृति पर आधारित ब्लैक कामेडी ‘कातिल मुंसिफ’ का मंचन भी हुआ। नीलांबर के सचिव ऋतेश पाण्डेय ने कहा कि विमलेश त्रिपाठी के साथ हमारी मित्रता के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं और इस 25 वें वर्ष की पहली कड़ी के रूप में यह पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

अंत में डॉ. शंभुनाथ ने नीलांबर के सदस्यों को एक बहुत भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी और कहा कि नीलांबर हर बार अपनी रचनात्मकता से मुझे स्तब्ध करता है। कार्यक्रम  का सफल संचालन ममता पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन ‘कंधे पर कविता’ के कवि और नीलांबर के अध्यक्ष विमलेश त्रिपाठी ने किया।

 

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