– नियुक्तियों की विस्तृत सूची 10 दिसंबर तक पेश करने का निर्देश
कोलकाता । पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने गुरुवार को 1,806 दागी उम्मीदवारों की एक नई व्यापक सूची जारी की। इन्हें पहले 2016 राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) में सहायक शिक्षक पदों के लिए योग्य के रूप में चिह्नित किया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए आयोग ने दोपहर के आसपास सूची अपलोड की जिसमें अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों के नाम, उनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विषय, रोल नंबर और जन्मतिथि शामिल थी। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत ने आयोग से 2016 के नियुक्ति पैनल की मियाद खत्म होने के बाद जारी की गई सभी नियुक्तियों की विस्तृत सूची 10 दिसंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही 2025 की नियुक्ति प्रक्रिया की लिखित परीक्षा की ओएमआर शीट भी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया गया है। न्यायमूर्ति सिन्हा ने स्पष्ट कहा कि एसएससी के 2016 पैनल की वैधता समाप्त होने के बावजूद, जिन अभ्यर्थियों को वर्ष 2025 में 9-10वीं और 11-12वीं कक्षाओं के लिए शिक्षक नियुक्ति पत्र दिए गए, उनकी पूरी सूची सार्वजनिक की जाए। कोर्ट का कहना है कि यदि इस सूची में नाम होने के बावजूद कोई अभ्यर्थी 2025 की नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुआ है, तो उसका भविष्य इस केस के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने एसएससी से यह भी पूछा कि 2025 की परीक्षा की ओएमआर शीट अब तक वेबसाइट पर क्यों नहीं डाली गई है। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। ऐसे में शुरू से ही पारदर्शिता बरतना जरूरी है, नहीं तो भविष्य में फिर अनियमितता के आरोप लग सकते हैं। इस आदेश के बाद अभ्यर्थियों के लिए पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीदें जागी हैं। अब इस प्रकरण की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने गुरुवार को कहा कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ‘दागी’ या ‘टेंटेड’ उम्मीदवारों की पूरी सूची आज ही प्रकाशित करेगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विशेष रूप से सक्षम अभ्यर्थी के ‘टेंटेड’ सूची में नाम रहने के विषय में एसएससी ही निर्णय लेगा। एक बार फिर मंत्री ने दोहराया कि एसएससी का कार्य पूर्ण निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ चल रहा है और 31 दिसंबर की समयसीमा में नियुक्ति प्रक्रिया समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने एसएससी से जुड़े सभी मुकदमे फिर से उच्चतम न्यायालय में भेज दिए थे। इस पर मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जज या कोर्ट के अनुसार कानून या निर्णय बदलता है और वे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर पूरा विश्वास रखते हैं। न्यायालय ने एसएससी को निर्देश दिया था कि वह विस्तृत पहचान संबंधी जानकारी के साथ अयोग्य शिक्षकों के नाम पुनः प्रकाशित करे। हालांकि, अद्यतन सूची में उन स्कूलों का नाम नहीं बताया गया है जहां ये दागी शिक्षक लगभग एक दशक से काम कर रहे थे। इस सवाल पर कि क्या ये उम्मीदवार सितंबर 2025 में आयोजित नई भर्ती परीक्षा में शामिल होने वालों में शामिल थे ? एसएससी के एक अधिकारी ने इस संभावना से इन्कार किया। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी दागी शिक्षकों की यही सूची अपलोड की थी। लेकिन इस बार उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, हमने पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त विवरण शामिल किए हैं।” यह घटनाक्रम सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें 2016 एसएलएसटी के माध्यम से चयनित 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अमान्य करार दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि पूरी भर्ती प्रक्रिया दूषित थी, जिसे सुधारा नहीं जा सकता।
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