नयी दिल्ली । नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट हाल ही में सोमवार (29 सितंबर 2025) को जारी हुई है। रिपोर्ट बताती है कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हल्की कमी आई है। हालाँकि, तेजाब हमलों के मामलों में पश्चिम बंगाल लगातार सबसे आगे बना हुआ है, जो चिंता की बात है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, तेजाब हमलों के मामलों में पश्चिम बंगाल लगातार सबसे आगे बना हुआ है। साल 2023 में पूरे देश में तेजाब हमले के 207 मामले दर्ज हुए। इनमें से 57 मामले अकेले पश्चिम बंगाल के थे। इसका मतलब है कि देश के चौथाई से ज्यादा मामले सिर्फ बंगाल में हुए। इन 57 हमलों में 60 महिलाएँ पीड़ित थीं। तेजाब हमलों में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा, जहाँ 31 मामले दर्ज हुए। 2018 से ही बंगाल में यह स्थिति बनी हुई है। अभी एक माह पहले की बात है जब टीएमसी नेता अब्दुर रहीम बख्शी ने भाजपा विधायक को आँख फोड़ने और तेजाब से जलाने की धमकी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब हमलों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिसे लक्ष्मी बनाम भारत सरकार केस के तहत जारी किया गया था। इन नियमों में बिना लाइसेंस के तेजाब बेचना मना है। अगर बेचा जाता है, तो खरीदार का नाम, पता और बेची गई मात्रा का रिकॉर्ड रखना जरूरी है। इसके बावजूद, खासकर पश्चिम बंगाल में तेजाब की बिक्री पर ठीक से निगरानी नहीं हो रही है। हाल ही में कोलकाता की एक दुर्गा पूजा में भी तेजाब हमले की पीड़िताओं की पीड़ा को दर्शाया गया था। पीड़ितों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर सख्त कार्रवाई की माँग की है। पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में मामूली गिरावट आई है। 2023 में 34,691 मामले दर्ज हुए, जो 2022 के 34,738 मामलों से थोड़े कम हैं। राज्य में अपराध दर (हर एक लाख महिलाओं पर) 71.3% रही।
वहीं, दहेज उत्पीड़न (धारा 498 ए – पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) के मामले दर्ज होने में भी बंगाल का नाम राज्यों की लिस्ट में ऊपर है। इस धारा के तहत बंगाल में 19,698 मामले दर्ज हुए। यह संख्या उत्तर प्रदेश (19,889 मामलों) के बाद देश में दूसरी सबसे ज्यादा है। हालाँकि, दहेज उत्पीड़न की पीड़ितों की संख्या (20,462) में पश्चिम बंगाल पूरे देश में पहले स्थान पर है।