कोलकाता । बंगाल में हिंदी और उर्दू रंगमंच के लिए विख्यात नाट्य संस्था लिटिल थेस्पियन ने गोखले मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज के हिंदी विभाग के सहयोग से अपना 30वा रंग अड्डा, 6 मई 2025 को कॉलेज परिसर में सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु प्रसिद्ध नाटककार भवभूति, भास, बेर्टोल्ट ब्रेख्त और कालिदास की रचनाएँ थीं। इस रंग अड्डा की मुख्य विशेषता यह रही कि छात्रों का पारंपरिक संस्कृत नाटककारों में अनुसंधान की रुचि बढ़े । छठे और दूसरे सेमेस्टर के छात्रों ने इस रंग अड्डा में भाग लिया। हिंदी विभाग के छात्रों द्वारा स्वागत समारोह के बाद, रंग अड्डा में निम्नलिखित लेख प्रस्तुतियाँ दी गईं: भवभूति की नाट्य कला (अपर्णा बिस्वास, सेमेस्टर 6), भास के नाटकों की भाषा शैली (सुप्रिया चौधरी, सेमेस्टर 6), ब्रेख्त की नाट्य कला (दृष्टि कुमारी, सेमेस्टर 2), ब्रेख्त की कविताएँ (अनिशा बैथा, सेमेस्टर 2)। कालिदास का नाटक ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ का मोहन राकेश द्वारा हिंदी रूपांतरण ‘शाकुन्तल’ का संक्षिप्त सार लिटिल थेस्पियन की पार्वती कुमारी शॉ द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन ‘शाकुन्तल’ नाटक के सातवें दृश्य का नाटकीय वाचन के साथ हुआ, जिसे लिटिल थेस्पियन के प्रतिभाशाली कलाकारों ने प्रस्तुत किया: संगीता व्यास, हिना परवेज़, सुधा गौड़, मोहम्मद आसिफ़ अंसारी, विशाल कुमार राउत, नव्या शंकर और गुंजन अज़हर।
इस अवसर पर अमर कुमार चौधरी (हिंदी विभाग, गोखले मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज) और छात्र उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रेशमी पंडा मुखर्जी (एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, गोखले मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज) द्वारा दिया गया।
इस तरह लिटिल थेस्पियन की संस्थापिका उमा झुनझुनवाला के मार्गदर्शन में लिटिल थेस्पियन युवा पीढ़ी को रंगमंच के प्रति जागरूक कर रहा है।