नयी दिल्ली । संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्षों में 1,700 से अधिक कृषि स्टार्टअप को 122 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जारी किया गया। भारत के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा कि 2019-20 से 2023-24 तक की अवधि में 1,708 कृषि स्टार्टअप को 122.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह धनराशि केंद्र सरकार की ओर से पांच नॉलेज पार्टनर्स (केपीएस) और 24 आरकेवीवाई एग्री बिजनेस इंक्यूबेटर्स (आर-एबीआईएस) के माध्यम से जारी की गई, जो कि इस कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करते हैं।
लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, मंत्रालय द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 532 स्टार्टअप्स के लिए 147.25 करोड़ रुपये फंड रिलीज किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वित्त 2018-19 से नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास कार्यक्रम (इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट) को लागू किया गया है।
इस सरकारी कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है। सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को बिजनेस आइडिया डेवलप करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
केंद्र सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के तहत 4 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत दो चरणों में अनुदान दिया जाता है। पहले चरण में 5 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। इसके बाद दूसरे सीड स्टेज में 25 लाख रुपये तक का फंड जारी किया जाता है।
इस वर्ष जुलाई में, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ मिलकर स्टार्टअप्स के लिए 750 करोड़ रुपये का ‘एग्री श्योर’ फंड भी लॉन्च किया था। इस फंड को इनोवेटिव, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन और एग्रीकल्चर में हाई इम्पैक्ट एक्टिविटी को प्रमोट करने के लिए लॉन्च किया गया था।