कोलकाता । कोरोना काल और लॉक डाउन की पृष्ठभूमि पर कई फिल्में बनी हैं । निर्देशक शुवेंदु राज घोष की फिल्म “कुसुम का बियाह” बेहद वास्तविक है। एक सच्ची घटना से प्रेरित होकर बनी इस फ़िल्म का खास प्रीमिय हाल ही में शो पीवीआर, मनी स्क्वॉयर कोलकाता में किया गया जहां बंगाल फ़िल्म इण्डस्ट्री के कई दिग्गज कलाकार और शहर के सामाजिक हस्तियाँ थीं। अभिनेता व निर्माता प्रदीप चोपड़ा, निर्देशक शुवेंदु राज घोष, सह निर्माता बलवंत पुरोहित, अभिनेता लवकेश गर्ग भी उपस्थित रहे । निर्माता प्रदीप चोपड़ा ने भी फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है। उन्होंने कहा कि 100 मिनट की इस फ़िल्म को सेंसर ने यू सर्टिफिकेट दिया है। फिल्म कुसुम का बियाह कोविड 19 महामारी के दौरान हुई एक सत्य घटना पर आधारित है। महामारी के कारण सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के हालात में कई परिवार बुरी तरह फंस गए थे। यह फ़िल्म बिहार से झारखंड जा रही एक बारात के फंस जाने की सच्ची घटना पर आधारित है। लॉक डाउन के दौरान दो राज्यों की सीमा पर कुसुम की बारात फंस जाती है। इस रियल इंसिडेंट को बड़े ही मजेदार ढंग से इस फ़िल्म के द्वारा दिखाया गया है। फ़िल्म “कुसुम का बियाह’ में कुसुम का टाइटल रोल सिक्किम की सुजाना दार्जी ने निभाया है वहीं लवकेश गर्ग ने फ़िल्म में कुसुम के पति का किरदार अदा किया है। इनके अलावा राजा सरकार, सुहानी बिस्वास, प्रदीप चोपड़ा, पुण्य दर्शन गुप्ता, रोज़ी रॉय भी महत्वपूर्ण चरित्रों में दिखाई देते हैं। फिल्म की कहानी और पटकथा लेखक विकास दुबे और संदीप दुबे हैं जबकि इसके संगीतकार भानु सिंह हैं। अभिनेता और निर्माता प्रदीप चोपड़ा ने कहाकि “कुसुम का बियाह” बहुत ही संवेदनशील फ़िल्म है, साथ ही एक सत्य घटना पर आधारित हैं इस कहानी में उत्तर भारत की संस्कृति और संगीत की महक है। किरदार और घटनायें वास्तविक हैं किसी भी तरह की नाटकीयता नहीं देखने को मिलेगी । हम पूरे परिवार के साथ मिलकर देखने वाली एक मनोरंजक फ़िल्म को लेकर दर्शकों के पास आये हैं । फ़िल्म सिनेमागृहों में प्रदर्शित हो चुकी है।