रसोई से निकला करोड़ों की कमाई का तरीका , 1 साल में कमा दिए 250 करोड़

नयी दिल्ली । आजकल लोग प्राकृतिक आहार  को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं. इसी वजह से लोग आजकल ऑर्गेनिक फूड्स भी खूब तलाशते हैं। इसका असर सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में भी देखने को मिल रहा है. इसी बाजार में लाहौरी जीरा ने लोगों को कोक और पेप्सी जैसे ड्रिंक्स का विकल्प देकर सफलता की इबारत लिख दी।
हम आपको यहां लाहौरी ज़ीरा की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं. आखिर कैसे घर की रसोई से निकला टेस्ट लोगों की पसंद बन गया और कंपनी करोड़ों की बन गई। आमतौर बाजार में मिलने वाले कोल्ड ड्रिंक्स में केमिकल्स को मिलाया जाता है लेकिन, केमिकल्स न होना लाहौरी जीरा को लोकप्रिय बनाता है. इसकी मूल सामग्री सेंधा नमक है. लाहौरी जीरा का निर्माण घर पर मिलने वाली चीजों से होता है इसलिए लोग बाजार में उपलब्ध लोकप्रिय ड्रिंक्स की तुलना में इसे पीना पसंद करते हैं. क्योंकि, ये एक सेहतमंद विकल्प भी है।
कैसे हुई लाहौरी ज़ीरा की शुरुआत?
लाहौरी ज़ीरा की शुरुआत ऐसे हुई जिसे सुनकर शायद आप यकीन न करें. तीन  भाई घर की रसोई में गए और तैयार हो गया लाहौरी ज़ीरा फॉर्मूला। सौरभ मुंजाल ने अपने दो भाइयों सौरभ भूतना और निखिल डोडा के साथ मिलकर लाहौरी ज़ीरा ड्रिंक की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सौरभ मुंजाल के भाई निखिल डोडा और उनके परिवार को खाना बनाने में काफी दिलचस्पी है। निखिल हमेशा घर में मौजूद चीज़ों से ड्रिंक्स बनाते रहते हैं और उनके साथ प्रयोग करना भी पसंद करते हैं। ऐसे ही एक बार निखिल ने सौरभ मुंजाल और सौरभ भूताना को ज़ीरा ड्रिंक पिलाया। इसके बाद तीनों भाइयों ने मिलकर इस ड्रिंक को बाजार में उतारने की योजना बनायी और इसकी शुरुआत हुई। इस उत्पाद को बनाने वाली कंपनी आर्चियन फूड्स की स्थापना 2017 में की गई थी. ये कंपनी लाहौरी ज़ीरा के अलावा लाहौरी नींबू, लाहौरू कच्चा आम, लाहौरी शिकंजी भी बनाती है।
कंपनी के सीईओ सौरभ मुंजाल ने कहा कि उनकी कंपनी के उत्पाद भारतीय रसोई और स्ट्रीट फूड्स से निकले हुए हैं। इसलिए कंपनी के ड्रिंक्स के नाम भी पारंपरिक रखे गए हैं। प्रोडक्ट्स का मेन इंग्रेडिएंट भी रॉक सॉल्ट या लाहौरी ही है। आपको बता दें लाहौरी ज़ीरा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काफ़ी पसंद किया जाता है।
लाहौरी ज़ीरा को पंजाब के रूपनगर में बनाया जाता है। शुरुआत में कंपनी एक दिन में 96,000 बोतलें तैयार करती थी। बाद में 2022 तक ये आंकड़ा बढ़कर 12,00,000 तक पहुंच गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कंपनी रोज़ाना 20,00,000 बोतलें तैयार करती है। जहां तक टर्नओवर की बात करें तो वित्त वर्ष 21 में कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ था. वहीं, वित्त वर्ष 22 में ये बढ़कर 250 करोड़ हो गया था ।

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