शांति देवी भारत की पहली महिला ट्रक मैकेनिक हैं। शायद उनको भी इस बात का आभास है इसलिए वे कहती हैं, ‘जब मैं ट्रक के टायर बदलती हूं तो लोग मुझे चौंक कर देखते हैं. कई लोग तो यह सब देखने के लिए रुक भी जाते हैं। मैं बस वही करना चाहती हूं जो मेरा मन कहता है. मैं दूसरों के द्वारा सेट किए गए मानकों पर जीवन नहीं जीना चाहती।
शांति देवी दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर (SGTN) की AW-7 दुकान पर ये काम करती दिख जाती हैं। शांति देवी बताती हैं, ‘मेरे पति राम बहादुर और मैं मिलकर ये काम करते हैं. मैं घर भी संभालती हूं और ये काम भी करती हूं।’
SGTN, 75 एकड़ के क्षेत्र में फैला है और यह एशिया में सबसे बड़ा ट्रकों को स्टॉपओवर प्वाइंट है। यहां प्रतिदिन 70,000 ट्रक पार्क किए जाते हैं और करीब 20,000 ट्रक यहां से रोज गुजरते हैं। यहां इन दोनों पति-पत्नी ने चाय की दुकान से काम करना आरंभ किया था।
शांति ने टायर बदलना और मैकेनिक के अन्य काम अपने पति और अन्य मैकेनिक्स से सीखे हैं। शांति कहती हैं, ‘अगर कोई महिला ठान ले तो वो किसी पुरुष से ज्यादा बेहतर काम कर सकती है।’शांति कहती हैं, ‘चाय की दुकान जब चल पड़ी तो हमने सोचा कि यह सही जगह है कि हम यहां ट्रक की वर्कशॉप शुरू कर सकते हैं। शुरू-शुरू में तो यहां आने वाले लोग मुझे घूरते थे, शायद वे पहली बार किसी महिला को ये काम करते हुए देखते थे, लेकिन अब और भी कई महिलाएं बाहर आकर इस काम में अपने पतियों की मदद कर रही हैं।.’