अरवल । कहते हैं अगर मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आ सकती। बिहार के अरवल में एक होनहार ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। अरवल के 23 वर्षीय आलोक को 1.75 करोड़ की फेलोशिप मिली है। यही नहीं अब वो अमेरिका से पीएचडी करेंगे। आलोक के पिता किसान हैं और मां आंगनवाड़ी सेविका हैं। गरीब परिवार से आने के बावजूद भी आलोक ने हार नहीं मानी अब वो अमेरिका में पीएचडी करके अपने परिवार ही गांव और सूबे का भी नाम रौशन करेंगे। आलोक का घर अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र में है। जिले के मानिकपुर ओपी स्थित बिथरा गांव में उनका परिवार रहता है। अमेरिका में पीएचडी की तैयारी कर रहे आलोक के पिता रणधीर शर्मा खेतीबाड़ी करते हैं। इनकी माता संजू कुमारी आंगनवाड़ी में सेविका के पद पर कार्यरत हैं। बेटे आलोक कुमार को 1.75 करोड़ की फेलोशिप मिलने की खबर से वो बेहद खुश हैं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब अमेरिका में पीएचडी करेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ हयूस्टन में करेंगे पीएचडी
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ हयूस्टन में चयनित होकर बिहार के रहने वाले 23 वर्षीय अलोक कुमार ने साबित कर दिया कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। आलोक की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि उन्हें अपनी पीएचडी की पढ़ाई दौरान लगभग ढाई लाख रुपये महीना छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके साथ प्रेसिडेंशियल फेलोशिप और फ्री ट्यूशन इत्यादि का फायदा भी मिलेगा। आलोक ने कैसे ये मुकाम हासिल किया इस पर उन्होंने बताया कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा जहानाबाद के संत कोलंबस पब्लिक स्कूल में हुई। दसवीं की पढ़ाई शिव मुद्रिका हाई स्कूल संडा और 12वीं की पढ़ाई एसबीएएन कॉलेज दरहेटा लारी से किया। इसके बाद मगध सुपर थर्टी आईआईटी जेईई में पढ़ाई की। एक साल पटना रहकर सेल्फ स्टडी भी किया। हालांकि किसान परिवार में जन्मे आलोक कुमार के सामने आर्थिक तंगी भी मुंह बाएं खड़ी रही।
गरीबी-आर्थिक तंगी पर पीछे मुड़कर नहीं देखा
आलोक कुमार ने बताया कि इन सब बातों की चिंता न करते हुए भी उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते रहे आलोक ने बताया कि 2021-2022 में न्यू जेनरेशन आइडिया कॉन्फिडेंस एचपीसीएल इंडिया आरएंडी रिसर्च सेंटर बेंगलुरु में भी रहकर पढ़ाई की। इसके बाद वहां हमें कई बार सम्मानित भी किया गया। पढ़ाई के दरम्यान ही हमें अमेरिका के ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई के लिए चयनित किया गया ।
माता-पिता को दिया कामयाबी का श्रेय
आलोक ने बताया कि अमेरिका में पीएचडी पढ़ाई के दौरान मेरा शोध का विषय रहेगा कैंसर बीमारी के प्रारंभिक लक्षण का पता लगाना। इसी विषय के तहत मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिए अहम भूमिका निभाने का प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे सफलता के पीछे मेरे माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिन्होंने खेती किसानी का कार्य करते हुए भी मेरी लक्ष्य प्राप्ति में बाधा नहीं बने। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया।