राम छाटपार शिल्प न्यास के सिद्धहस्त कलाकारों के साथ मूर्तिकार वंदना सिंह ने बनाए वेस्ट से बेस्ट

ट्रिपल आर यानी रिड्यूस रिसाइकल और रीयूज़ द्वारा काशी के विद्यार्थियों ने बनायी कलाकृतियाँ
वाराणसी । राम छाटपार शिल्प न्यास के सिद्धहस्त कलाकारों के साथ मिलकर मूर्तिकार वंदना सिंह ने कबाड़ की विभिन्न वस्तुओं से सुंदर और आकर्षक कलाकृतियों का निर्माण कर समाज के सामने एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह ट्रिपल आर यानी रिड्यूस रिसाइकल और रीयूज़ द्वारा वेस्ट से बेस्ट वस्तुओं को आकार दिया जो एक मिसाल बना।
बनारस के प्रख्यात कलाकार मदनलाल गुप्ता के निर्देशन में कलाकारों ने कबाड़ में फेंकी हुई वस्तुओं को सजा संवार कर एक नया आकार दिया। यह प्रदर्शनी राम छाटपार शिल्प न्यास के 24वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में काशी के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया ।21 मार्च से 25 मार्च 2023 पांच दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में 38 से अधिक कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया।
वाराणसी स्थित आईएसएचआईआई गैलरी में हुए इस कला प्रदर्शनी का उद्घाटन 21 मार्च को पांच बजे से हुआ। 21-22 मार्च को संध्या 6बजे से 9 बजे तक फर्स्ट पंडित नारायण चक्रवर्ती स्मृति संगीत समारोह में संगीत के कार्यक्रम किए गए। प्रत्येक दिन 11बजे से 7 बजे तक कला प्रदर्शनी की गई। 25 मार्च समापन समारोह में सभी कलाकारों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। प्रमुख कलाकारों में अजय उपासनी, अमरेश कुमार, ब्रजेश सिंह मदनलाल, दीपक किसन रहे आदि पच्चीस से अधिक कलाकारों ने कला प्रदर्शन में भाग लिया।
वाराणसी की मूर्तिकार वंदना सिंह ने कहा कि आज यूज एंड थ्रो का समय है पहले के मुकाबले में कबाड़ अधिक फेंकते हैं। पूरे विश्व में यह एक बहुत बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। राम छाटपार शिल्प न्यास द्वारा किया गया यह आयोजन युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। कबाड़ की विभिन्न वस्तुओं से बनाई कला की प्रदर्शनी में भाग लेकर एक नया अनुभव हुआ। वंदना मूर्ति कार की कला अभिव्यक्ति का माध्यम वेस्ट मेटेरियल अण्डे की ट्रे, एक्रेलिक कलर, सनमाइका के टुकडे है । इसमें उन्होंने जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर में स्त्रियों की कश्मकश को दिखाया है समाज की अच्छी बुरी समस्याओं के साथ हम रोज टूटते और फिर जीते है , जिन्दगी भर समाज व अपने आप से लड़ती है । फिर भी लड़ाई खत्म नही होती सिर्फ उसका रूप, स्थान व समय बदल जाता है । इन्ही समस्याओ को उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया है। संभावनाएं अभी भी बाकी है, वंदना सिंह इस थीम पर कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम की सूचना दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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