कोलकाता । पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन इस राज्य में एकमात्र कोल्ड स्टोरेज का सक्रिय संघ है। इस वर्ष साल्टलेक सेक्टर-5 में स्थित ‘द आलमंड’ में एसोसिएशन से 58वीं वार्षिक साधारण बैठक का आयोजन किया गया ।
इस वार्षिक आम बैठक का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने किया । उनके साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री डॉ. प्रदीप कुमार मजूमदार , कृषि विपणन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. ए सुब्बैया , कृषि विपणन विभाग के संयुक्त निदेशक कनाईलाल हांसदा , पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल, उपाध्यक्ष सुनील कुमार राणा और डबल्यूबीसीएसए के पूर्व अध्यक्ष पतित पबन दे भी मौजूद थे।
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल ने कहा, मौजूदा सीजन में आलू की खेती का दायरा बढ़ रहा है। कोल्ड स्टोरेज इकाइयां आलू उपज के बेहतर व्यापार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी। कोल्ड स्टोरेज में संरक्षित स्टॉक की सुस्त रिलीज के परिणामस्वरूप असंगत संचय हुआ, क्योंकि गत वर्ष 2022 के सितंबर-अक्टूबर 2022 में संरक्षित स्टॉक का 60% ही कोल्ड स्टोरेज में रहा और पूजा त्योहारों के बाद से बाजार मूल्य में भारी गिरावट देखी जाने लगी। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि 30 नवंबर से अधिक भंडारण अवधि के विस्तार के बावजूद 31 दिसंबर 22 के बाद 20% से अधिक का स्टॉक अवितरित रहा।
उन्होंने मौजूदा मौसम में लगभग 115 लाख टन आलू के उत्पादन का अनुमान लगाया है. जिसमे पश्चिम बंगाल में घरेलू खपत 65 लाख टन है, शेष स्टॉक को राज्य के बाहर भेजने पर फैसला लिया जाएगा। संतुलित बाजार की स्थिति और पुनर्वित्त ऋणों की नियमित वसूली सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों से अनलोडिंग अवधि के दौरान प्रत्येक माह में 12% की एक समान दर पर संग्रहीत स्टॉक को जारी करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने का अनुरोध किया।
उन्होंने आवश्यक कार्य योजना तैयार करने और वास्तविक समय के आधार पर स्टॉक की स्थिति की निगरानी के लिए खेती, कटाई, भंडारण और इसके व्यापार पर अखिल भारतीय व्यापक डेटा के संग्रह और विश्लेषण की सिफारिश की, जिससे इस क्षेत्र में जुड़े लोग इस सुविधा का लाभ ले सके।
कोल्ड स्टोरेज के लिए इनपुट लागत और पूंजी की लागत में समय-समय पर होनेवाले वृद्धि को देखते हुए अन्य आलू उत्पादक राज्यों में किराए के बराबर कोल्ड स्टोरेज का किराया बढ़ाने की मांग की गई थी, जहां वर्तमान दर रु. 230/- से रु. 270/- प्रति क्विंटल करने की बात कही गई है। इसके अलावा यह सुझाव दिया गया था कि कोल्ड स्टोरेज किराए की गणना 100% भंडारण क्षमता के बजाय 85% भंडारण क्षमता पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि 100% क्षमता का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है।
यह सुझाव भी दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज अधिनियम 1966 की समीक्षा की चर्चा में भी शामिल होना चाहिए:
1. भंडारण योग्य आलू की गुणवत्ता के संबंध में जमा करनेवालों की जिम्मेदारी।
2. भण्डारण सीजन की समाप्ति के बाद भण्डारण इकाइयों में बचे आलू के स्टॉक को निपटाने की प्रक्रिया का सरलीकरण।
3. कोल्ड स्टोरेज लाइसेंस की वैधता को पांच साल तक बढ़ाना।
4. प्लांट को चलाने के लिए कोल्ड स्टोरेज चेंबर में आवश्यक स्टॉक की न्यूनतम मात्रा तय करना।
उन्होंने राज्य में उद्योग के अनुकूल कारोबारी माहौल और सरलीकृत नियमों के साथ विनियमों, समयबद्ध कार्रवाई, व्यापार के संचालन से संबंधित मुद्दों के निष्पक्ष और तार्किक व्यवहार पर विशेष जोर दिया।