कहने को तो महिला सशक्तिकरण की बात हमारे देश में सभी करते हैं लेकिन आज भी भारतीय संस्कृति में कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने का हक सिर्फ मर्दों को ही है। शादियों में कुछ रस्म ऐसे होते हैं, जिन्हें सिर्फ लड़की के पिता ही पूरा करते हैं लेकिन इस प्रथा को तोड़ते हुए लंदन की एक मां ने अपनी बेटी की शादी में पिता के रस्मों को भी निभाया।
यह कहानी है लंदन में रहने वाली हरनूर गरेवाल की. हरनूर ने ‘पिंक लड्डू’ वेबसाइट पर अपनी शादी का अनुभव शेयर करते हुए लिखा, ‘हम पांच बहनें हैं। हमारा कोई भाई नहीं है। कुछ साल पहने हमारे पिता हमें छोड़ के चले गए, तब से मेरी मां ने हमें अकेले पाला है। उन्हें जिंदगी में बहुत कठिनाइयां झेलनी पड़ीं। उन्होंने हमें ऐसे पाला जिससे हमें जिंदगी में कभी भी किसी मर्द पर निर्भर ना रहना पड़े। उन्होंने हमें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया। इसलिए हमने उनसे कहा कि पापा की गैरमौजूदगी में रस्में आप ही निभाएंगी ना कि परिवार का कोई दूसरा मर्द.’
हरनूर ने ये भी लिखा है कि अकेली औरत का रहना आज भी मुश्किल है। उसे परिवार वाले चैन से रहने नहीं देते। मेरे पिता के जाने का जिम्मेदार भी सब मेरी मां को ही मानते थे लेकिन मां ने कभी हार नहीं मानी और चुनौतियों का सामना करते हुए हमें पाला।
आज सबको हरनूर की मां से सबक लेने की जरूरत है। पुरुष के ना रहने से महिलाएं कमजोर नहीं होती बल्कि और मजबूत हो जाती हैं और दुनिया में कोई भी ऐसा काम नहीं है, जिसे करने का हक सिर्फ पुरुषों को है।