Monday, April 28, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

दिव्यांग गनौरी पासवान ने पत्थर को काट कर पहाड़ी मंदिर के लिए बनाई 800 सीढ़ी

पत्थर काट कर बना डाली मंदिर की 800 सीढ़ी
जहानाबाद । बिहार की धरती जुनूनी लोगों से उर्वर रही है। इस कड़ी में गया के दशरथ मांझी के बाद एक और नाम जुड़ गया है। गनौरी पासवान का। जिन्होंने पहाड़ का सीना चीरकर सीढ़ियों की कतार लगा दी है। उन्होंने बाबा योगेश्वर के श्रद्धालुओं के लिए राह आसान कर दी है। जहानाबाद जिले के वनवरिया गांव के गनौरी पासवान का नाम इन दिनों खूब चर्चा में है। जहानाबाद के वनवरिया टोला के बैजू बिगहा निवासी 68 वर्षीय दिव्यांग गनौरी की मेहनत और हौसले ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को योगेश्वर नाथ के मंदिर तक जाने का रास्ता मुहैया करा दिया है।
800 सीढ़ी का निर्माण
दरअसल, जहानाबाद जिले के वनवरिया पहाड़ी की ऊंची चोटी पर योगेश्वर नाथ का मंदिर है, मगर सीढ़ी नहीं होने से अधिकांश श्रद्धालु वहां चाह कर भी नहीं पहुंच पाते थे। वृद्ध और महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती थी। बस इसी बात से परेशान गनौरी ने तकरीबन 800 फीट ऊंची पहाड़ी पर सपाट और सुगम रास्ता बनाने का प्रण ले लिया और फिर चापाकल मिस्त्री का काम छोड़कर पहाड़ी को सपाट बनाने में जुट गए।
वर्षों की मेहनत
गनौरी की वर्षों की मेहनत और हाल में 4 साल के अथक प्रयास से 2018 के अंत तक मंदिर तक 6 फीट चौड़ा रास्ता बना दिया गया। लेकिन, उस रास्ते पर भी आवागमन सुरक्षित नहीं था। तभी, उन्होंने रास्ते पर सीढ़ी बनाने की ठान ली और उनके मेहनत के बदौलत बगैर किसी सरकारी मदद के बगैर आज लगभग 800 फीट तक सीढ़ी भी बनकर तैयार है।
पत्नी तेतरी देवी का मिला साथ
लॉकडाउन से पहले श्रद्धालु महादेव के दर्शन के लिए कतार लगाए रहते थे। अब वृद्ध और दिव्यांग जन भी बड़े आराम से पहाड़ी की चोटी पर पहुंच कर योगेश्वर नाथ का दर्शन कर पाते हैं। गनौरी शुरुआती दिनों को याद करके बताते हैं कि कई बार तो लगता था कि नहीं हो पाएगा। लेकिन, उनकी पत्नी तेतरी देवी उन्हें हताश नहीं होने दिया और फिर बच्चों का साथ भी उन्हें मिलने लगा था। गनौरी कहते हैं, सीढ़ी निर्माण को लेकर पत्नी ने अपने जेवर तक गिरवी रख दिया।
बगैर सरकारी सहायता के बनाई सीढ़ी
गनौरी को इस साहसिक काम के लिए सरकार से कोई मदद मिली या नहीं यह सवाल सुनकर वो बड़ा उदास हो जाते हैं। स्थानीय निवासी कौशलेन्द्र शर्मा कहते हैं कि गनौरी के कुछ परिचित और मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कभी कभार थोड़ा-बहुत सहयोग किया कर देते हैं। लेकिन, वो सहयोग नाम मात्र ही होता है। योगेश्वर नाथ के मंदिर तक सीढ़ी के निर्माण का पूरा श्रेय गनौरी पासवान की मेहनत और उसके लगन को जाता है। गनौरी और उनकी पत्नी तेतरी देवी का अरमान है कि बाबा योगेश्वर नाथ का मंदिर पर्यटन स्थल के रूप विकसित हो।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news