बब्बन भक्त
तिरंगा उन्मुक्त होकर लहराया,
राष्ट्र गान की बजी है साज।
अमर शहीदों को नमन हमारा,
जिसने उखाड़ा अंग्रेजी राज।
इंग्लिश सत्ता कांप गई थी,
जब गरजी इन्क्लाबियों की आवाज।
लहू बहाया, तिरंगा फहराया,
है नमन समर्पित उनको आज।
चूम लिया फांसी का फंदा,
बिना लिए गरदन का मोल।
रूक गया पहिया, शासन के इतिहास का,
बिगड़ा सत्ता का भूगोल,
जाबांजों को शत शत नमन हमारा,
ऐ राष्ट्र आज उनकी जय बोल।
आज रोमांचित यहां जन जन हैं,
उत्साहित है देश समस्त।
गांव गांव और नगर नगर में,
कस्बा कस्बा शहर शहर में,
गली गली व डगर डगर में,
पूरे मुल्क के हर घर घर में,
तिरंगे का आया है उत्सव।
पूरा देश मना रहा है,
आजादी का अमृत महोत्सव।
बच्चे बूढ़े युवा नर नारी,
देशभक्ति के जज्बे से आज हैं मस्त।
आजादी की प्लेटिनम जुबली लेकर,
आया है अपना 15 अगस्त।