देश की ओर आँखें दिखाने वालों की आँखें निकाल ही लेना
ओ मेरे युवा साथी! अपना देश बस अपना ही होता है
परायों के गलत इरादों को लहूलुहान कर देना ही अच्छा होता है
हर घर बंगाल का करता नमन महानायक वीर सुभाष को
कुछ कर गुजरने की इच्छा ही देती जन्म कई सुभाषों को
आजादी की लौ जब – जब जलती तन – मन सुलग – सुलग जाता है
अपनी जन्मभूमि की मिट्टी को माथे पर सदा लगाना
वीर शहीदों की शहादत पर उनको शीश नवाना
अपना देश अपना होता है
प्रकृति भी अपना स्वभाव कभी नहीं छोड़ती
तो मनुष्य क्यों हुआ प्रकृति से दूर
घर की संपत्ति के लिए हम भाई भाई से लड़ते
माता-पिता घर परिवार से लड़ जाते
सुरक्षा कर हम रक्षक बन घर की सुरक्षा करते रहते
कभी कम तो कभी ज्यादा सब कुछ सहते रहते
भारत का हर कोना भी अपनी ही संपत्ति का हिस्सा है
इसे संभालना और देखना अपने ही कर्तव्यों का विस्तार है
बूंद बूंद सागर बन जाता है मिलकर हाथ बढ़ाने से
मुट्ठी में भी आसमान भर आता है
आओ हम सभी संकल्प लें मिलकर, देश की रंगत को कभी न फीका होने देगें
कुछ भी हो जाए तिरंगे की शान को हर पल हर क्षण विकास की ओर ले जाएंगें।