कोलकाता । विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा काव्यपाठ का आयोजन किया गया। मिशन के अध्यक्ष डॉ शम्भुनाथ ने कहा कि हिंदी की समृद्ध परंपरा का संबंध सृजन और चेतना से जुड़ा है। कविताएं मनुष्यता की आख्यान हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाषाविद अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि नौजवानों की पीढ़ी में कविता का संस्कार देखकर अच्छा लग रहा है। कवियों को कविता के लिए भाषा का ज्ञान होना जरूरी है। सह्दयता के साथ शिल्प की समझ हमें काव्यात्मक रूप से समृद्ध करती है। इस अवसर पर राजेश मिश्र,सुरेश शॉ, जितेश चौबे, सपना कुमारी, राधा ठाकुर, निशा राजभर, स्वरागिनी अग्रहरि, प्रीति साव, कोमल साव, निखिता पाण्डेय, अभिषेक पाण्डेय, राजेश सिंह, सूर्यदेव रॉय, रेशमी सेन शर्मा, विशाल कु. साव, पंकज सिंह, इंद्रेश कुमार, आकाश गुप्ता, प्रकाश त्रिपाठी ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन रूपेश कु. यादव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन देते हुए संरक्षक रामनिवास द्विवेदी ने कहा कि नई पीढ़ी रचनात्मक संभावनाओं से भरी है।इस अवसर पर डॉ शुभ्रा उपाध्याय, डॉ रेणु गुप्ता, मृत्युंजय, मंजु श्रीवास्तव, प्रतीक सिंह सहित सैकड़ों साहित्य एवं संस्कृति प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन मधु सिंह एवं राहुल गौड़ ने किया।