कोलकाता । महिला अध्ययन विभाग एवं सावित्रीबाई फुले पीठ के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, डॉ. अम्बेडकर नगर, महू, इंदौर, (मध्य प्रदेश) द्वारा राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय वेब परिसंवाद कार्यक्रम में ‘राष्ट्र सेविका सावित्रीबाई फुले : जीवन एवं कार्य’ विषय पर राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई थी । जिसमें आकांक्षा कुरील ने ‘द्वितीय स्थान’ प्राप्त किया और विश्वविद्यालय ने प्रमाण-पत्र देकर ‘सावित्रीबाई फुले उत्कृष्ट विद्यार्थी पुरस्कार-2021’ से गौरवान्वित किया है । आकांक्षा कुरील उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तालुका के छोटे से ग्राम ‘मवई पड़ियाना’ में पली-बढ़ी इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से और उच्च शिक्षा विश्वविद्यालय से प्राप्त कर रही हैं । हाल ही में जेंडर स्टडीज विषय में स्नातकोत्तर पदवी का अध्ययन कर रही हैं । वे इस प्रतियोगिता में शामिल हुई और पुरस्कार से सम्मानित की गई । इसका संपूर्ण श्रेय वे भारत की पहली महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले, बाबासाहब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, पेरियार, बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों और अपने माता-पिता, अपने जीवन साथी रजनीश कुमार अम्बेडकर व पारिवारिक सदस्यों को देती हैं ।
राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं । उनके द्वारा महिला शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर किया गया कार्य हमेशा याद किया जाएगा । उन्होंने विषम परिस्थितियों में समाज को एक नई दिशा दी । हमें उनके द्वारा बताए गए अनेक मार्गों को अपनाने की आवश्यकता है । आज हम जब महिलाओं की स्थिति को देखते हैं तो वहीं पर हम पाते हैं कि वे जमीन से लेकर आसमान तक अपना परचम फहरा रही हैं । इसी स्थिति के कारण वे आज डॉक्टर, प्रोफ़ेसर, वैज्ञानिक, राजनेत्री आदि बनकर समाज परिवर्तन कर रही हैं । ऐसे में आकांक्षा कुरील को ‘सावित्रीबाई फुले उत्कृष्ट विद्यार्थी’ जैसा पुरस्कार मिलने पर उनका समाज अपने-आप में गौरव महसूस कर रहा है । इस अवसर पर प्रो. आशा शुक्ला (कुलपति, ब्राउस), प्रो. कुसुम त्रिपाठी, डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’, डॉ. सुरजीत कुमार सिंह समेत कई अन्य लोगों ने शुभकामनाएं दीं।