लेह : लद्दाख में बीआरओ की ओर से बनाई गई सड़क को अब दुनिया की सबसे ऊंची सड़क मान लिया गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसको मान्यता दे दी है। रिकॉर्ड बुक में सड़क का नाम दर्ज कर लिया गया है। लद्दाख में बनायी गयी सड़क को दुनिया की सबसे ऊंची सड़क की मान्यता दे दी गयी है। उच्च पर्वतीय क्षेत्र लद्दाख में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) की ओर इस सड़क का निर्माण कराया गया है। इस सड़क को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है।
लद्दाख के उमलिंग्ला दर्रे पर समुंद्रतल से 19,024 फीट की ऊंचाई पर सड़क का निर्माण किया गया है। बीआरओ को इस सड़क के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से प्रमाण पत्र भी मिल गया है। गिनीज बुक के पांच सदस्यों की टीम ने करीब चार महीने तक इस सड़क का सर्वेक्षण किया। इसके बाद अपनी रिपोर्ट दी।
बोलिविया की सड़क को पीछे छोड़ा
उलमिंग्ला दर्रे की यह 15 किलोमीटर लंबी सड़क रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रही। इससे पहले सबसे ऊंची सड़क का रिकॉर्ड बोलिविया की उतरुंकू ज्वालामुखी से जोड़ने वाली सड़क के नाम था। यह सड़क समुंद्र तल से 18,953 किलोमीटर की ऊंचाई पर अवस्थित है।
गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी
केंद्रीय पथ परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर पूरे उमलिंग्ला दर्रे की सड़क के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीआरओ आने वाले समय में इस प्रकार के अन्य रिकॉर्ड बनाएगा, ऐसी उम्मीद हम करते हैं। वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी ट्वीट कर इस संबंध में कहा कि विश्व की सबसे ऊंची सड़क अब उमलिंग्ला सड़क हो गई है।
एवरेस्ट के आधार शिविर से भी है अधिक ऊंची
उमलिंग्ला सड़क की ऊंचाई एवरेस्ट चोटी के उत्तरी व दक्षिणी आधार शिविरों से भी ऊंची है। अधिकारियों का कहना है कि उमलिंग्ला में सड़क निर्माण मानव व मशीन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। यहां तापमान मानस 40 डिग्री तक गिर जाता है। ऑक्सीजन का स्तर भी सामान्य से 50 फीसदी कम हो जाता है। बीआरओ ने इसके बाद भी सड़क पर तारकोल बिछाकर पूर्वी लद्दाख में एलएसी के अग्रिम गांव डेमचोक को सड़क नेटवर्क से जोड़ दिया है। सामरिक दृष्टि से भी इस सड़क को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।