Sunday, September 14, 2025
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महिलाओं के लिए नये अवसर लाया वर्क फ्रॉम होम का चलन

‘वर्क फ्रॉम होम’ … कोरोना काल में यह नया शब्द हमारी बोलचाल का हिस्सा बना गया है। भले ही महामारी के चलते नौकरियों पर संकट छाया रहा, लेकिन चुनौतियों के साथ बहुत से अवसर भी आए हैं। इस दौरान जो नौकरियां उपलब्ध हुईं, उनमें महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। ‘कॅरियर प्लेटफॉर्म जॉब्स फॉर हर’ की रिसर्च बताती हैं कि 2019 में महिलाओं को काम पर रखने वाली कंपनियों की संख्या 18% थी, वहीं ये आंकड़ा 2021 में 33% हो गया। इस शोध में यह बात भी सामने आई कि कंपनियां हर भूमिका के लिए महिला कर्मचारियों पर भरोसा जता रही हैं। उन्हें मैनेजमेंट से लेकर सीनियर लेवल तक की जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। करीब 300 कंपनियों पर किए गए इस सर्वे में यह भी पता चला कि जो महिलाएं पढ़ी-लिखी होने के बावजूद शादी के बाद अपने कॅरियर को छोड़ देती हैं उनके लिए वर्क फ्रॉम होम का कल्चर नया अवसर बनकर उभरा है।

कॅरियर को लेकर महिलाएं ज्यादा केन्द्रित
वॉशिंगटन में प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो युवा महिलाएं पुरुषों से ज्यादा कॅरियर पर ध्यान दे रही हैं। महिलाओं के लिए सफल कॅरियर ही पहली प्राथमिकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि वे अपने कॅरियर के अलावा परिवार की जरूरतों के बारे में नहीं सोचती हैं। आधुनिक दौर की महिलाएं अपनी इस पारंपरिक छवि को भी बनाए रखती हैं। वे परिवार और करियर, दोनों पर ही ध्यान देती हैं। इसी सर्वे में महिलाओं और पुरुषों दोनों ने माना कि वे शादी और पैरेंटिंग को भी जीवन की महत्वपूर्ण चीजों में एक मानते हैं। पीडब्ल्यूसी की खोज के अनुसार कोरोनाकाल में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अपने करियर की संभावनाओं के बारे में ज्यादा अलर्ट रही हैं।

फिर वेतन कम क्यों?
देश में जेंडर पे गैप पर लंबे समय से बहस चल रही है। ए जर्नल ऑफ इकोनॉमी एंड सोसाइटी में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि आमतौर पर महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं। वेतन को लेकर बात करने में महिलाएं काफी पीछे हैं इसलिए उनकी तनख्वाह कम होती है। महिलाओं की प्रोमोशन और वेतन की मांग की बात को भी अनसुना किया जाता है। वहीं, द जेंडर नेचर ऑफ ऑथरशिप के अनुसार अकादमिक और शोध के काम का श्रेय महिलाओं को उनके पुरुष सहकर्मियों के मुकाबले में कम मिलता है।

क्या महिलाओं के लिए तनाव बन रहा गर्भधारण करना?
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर कामकाजी महिलाओं को लगता है कि प्रेग्नेंट होने से उनकी जॉब को खतरा हो सकता है या फिर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जा सकता है। वहीं, इस मामले में पिता बनने वाले पुरुषों को कार्यस्थल पर ज्यादा बढ़ावा मिलता है।

फर्जी नौकरियों के प्रलोभन से रहें दूर
अधिकतर महिलाएं इंटरनेट सर्फिंग के दौरान कई बेहतर नौकरियाँ देखती हैं। कई बार फोन कॉल्स भी आते हैं, लेकिन इसमें बहुत सी फर्जी होती हैं। ऐसे में अलर्ट रहना जरुरी है, क्योंकि गोपनीय सूचनाओं का फायदा उठाकर कोई भी ब्लैकमेल कर सकता हैं। इस स्थिति से बचने के लिए कंपनी के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करना जरुरी है।

इन क्षेत्रों में भविष्य संवार सकती हैं महिलाएं

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