कोलकाता : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता में 75वें स्वतन्त्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। आरंभ में केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाई। फिर ध्वजारोहण के साथ तिरंगे को सलामी दी और राष्ट्रगान सम्पन्न हुआ। इसके बाद उन्होंने वहाँ उपस्थित अतिथियों, कर्मियों एवं विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ सुनील ने कहा कि हमें हर कीमत पर आज़ादी के महत्व को समझना है और इसके लिए दी गई कुर्बानियों को भी याद रखना है। आज़ादी तभी तक सुरक्षित है, जब तक यहाँ लोकतंत्र सुरक्षित है और इसके लिए हमें अपने संविधान को हमेशा मजबूत बनाकर रखना होगा। डॉ सुनील ने नई पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि वे एक सजग और जिम्मेदार नागरिक बनें। हम सबको मिलकर जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र और जेंडर संबंधी भेदभाव के खिलाफ़ लड़ते रहना है, तभी यह देश सही मायने में आगे बढ़ पाएगा। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबसे पहले नन्हीं मेहमान रुक्मिणी मुखर्जी ने रबीन्द्रनाथ टैगोर की अंग्रेज़ी कविता सुनाई। नैना प्रसाद ने ‘ये मेरे वतन के लोगों’ का गायन करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। शोधार्थी बृजेश प्रसाद ने युवा कवि राकेश कबीर की कविता ‘विद्रोह’ का पाठ किया। स्वाति मिश्रा, पूजा कुमारी और भारती कुमारी साव ने देशभक्ति गीत सुनाया। सरस्वती मुखर्जी, रीता बैद्य और सुखेन शिकारी ने बांग्ला गीत प्रस्तुत किया। सुशील कुमार सिंह और विवेक कुमार साव ने अपनी स्वरचित कविता सुनाई। इस आयोजन में राकेश श्रीमाल, डॉ आलोक कुमार सिंह, दशरथ कुमार यादव, हेमकांत कुमार, रबिन्द्र माहतो, निशा बारी, स्वेता कुमारी गुप्ता, अरुनव हालदार और मौसमी गुप्ता की सहभागिता महत्वपूर्ण रही।