परिवार की सुरक्षा के लिए उनसे दूर हैं पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर सलीमा

पिछले एक साल से सलीना बेगम अपनी एंबुलेंस के जरिये कोविड-19 मरीजों की मदद कर रही हैं। हाल ही में उन्हें अपने इस काम के लिए 50,000 की राशि देकर सम्मानित किया गया। अपने काम के शुरुआत में वे सिर्फ गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाती थीं। लेकिन पिछले साल महामारी के गंभीर रूप लेने पर उन्होंने कोरोना पेशेंट को अस्पताल तक ले जाने की जिम्मेदारी भी संभाली। पिछले हफ्ते उन्हें राजगंज के एमएलए कृष्णा कल्याणी की ओर से यह राशि मिली। ये सम्मान उन्हें दूसरी बार मिला। इससे पहले पिछले साल भी उन्हें कोरोना वॉरियर के तौर पर सम्मानित किया जा चुका है।
सलीना ने अपनी मेहनत और साहस से कोरोना काल में इंसानियत को जिंदा रखने का काम बखूबी किया है। ऐसे माहौल में जब लोग कोरोना मरीजों को हाथ लगाना भी पसंद नहीं कर रहे, वे उन्हें घर से लेकर अस्पताल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाती हैं। सलीना ने बांग्ला भाषा में एमए किया है। उसने 2016 में स्टेट गवर्नमेंट के सेल्फ हेल्प प्रोग्राम से ट्रेनिंग लेकर एंबुलेंस ड्राइविंग की शुरुआत की। इस काम से वे हर महीने 7000 से 8000 रुपए महीना कमाती हैं। इन्हीं पैसों से उनका गुजारा होता है। पिछले एक साल के दौरान अपने परिवार को कोरोना इंफेक्शन से बचाने के लिए वे हेमताबाद के हेल्थ सेंटर में अपने परिवार से दूर एक छोटे से कमरे में अकेली रह रही हैं।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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