महामारी के कारण जम्मू-कश्मीर नहीं कर पाया था इनवेस्टमेंट समिट
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले साल से अब तक करीब 400 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से एमओयू साइन किए गए, ये कंपनियां राज्य में 18 सेक्टर्स में 23,000 करोड़ का निवेश करने वाली हैं। (सिंबॉलिक फोटो)
कोविड के दौर में जम्मू-कश्मीर से सुकून भरी खबर आ रही है। यहां अब निवेश की बाढ़ सी आ रही है। राज्य सरकार ने पिछले साल से अब तक करीब 400 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से एमओयू साइन किए हैं। ये कंपनियां राज्य में 18 सेक्टर्स में 23,000 करोड़ का निवेश करने वाली हैं। ये कंपनियां शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, आईटी, हैंडीक्राफ्ट्स, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, फार्मा, कौशल विकास, दुग्ध-पोल्ट्री-ऊन, इंफ्रास्ट्रक्चर, औषधीय पौधों, फिल्म व रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश में रुचि दिखा रही हैं।
राज्य के उद्योग व वाणिज्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक यह कंपनियां राज्य में यूनिट्स शुरू करती हैं तो यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुल जाएंगे। अधिकारी के मुताबिक कुछ कंपनियों ने तो जमीन पर काम शुरू किया है, मगर ज्यादातर अभी कोरोना की परिस्थितियां ठीक होने का इंतजार कर रही हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले 15 साल में राज्य में 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश आमंत्रित करने का है।
यहां निवेश के लिए इच्छुक बड़ी कंपनियों में आत्मीय फील्डकॉन और एचपी कैपिटल भी शामिल हैं। आत्मीय फील्डकॉन यहां 650 करोड़ के निवेश से और एचपी कैपिटल 2000 करोड़ के निवेश से हेल्थकेयर फेसिलिटी बनाना चाहते हैं। आरके एसोसिएट्स यहां 500 करोड़ के निवेश से होटल खोलना चाहते हैं, जबकि नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यहां 1700 करोड़ के निवेश से सघन प्लांटेशन और कोल्ड स्टोरेज क्लस्टर विकसित करेगा।
फ्लिपकार्ट ने स्थानीय कारीगरों के हुनर को बाजार देने में रुचि दिखाई है। अबूधाबी की कंपनी लूलू यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना चाहती है। निवेश की इच्छुक कंपनियों में रिलायंस एम्युनिशन लि., जैक्सन ग्रुप, इंडो-अमेरिकन सिनर्जी, कृष्णा हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, यूनिवर्सल सक्सेस एंटरप्राइजेस, सर्वोटेल और श्री सीमेंट भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल पहली बार जेएंडके ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन की तैयारी की थी। हालांकि कोरोना के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। अब केंद्र ने भी यहां औद्योगिक विकास के लिए नई योजना के साथ 28,400 करोड़ का बजट रखा है।
शिक्षा में निवेश से राज्य के बच्चे बाहर जाने के लिए मजबूर नहीं होंगे
शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। राज्य के हजारों बच्चे अलग-अलग कोर्स में प्रवेश के लिए रूस, तुर्की, ईरान, बांग्लादेश, यूके ही नहीं, देश के दूसरे शहरों में विभिन्न संस्थानों में जाते हैं। अगर यह कंपनियां राज्य में शिक्षण संस्थान खोलें तो यहां के बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश से राज्य के लोगों को इलाज के बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।