अबु धाबी : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात एक सुनहरे दौर की कहानी लिखता जा रहा है। पिछले साल मंगल पर मिशन भेजने वाला वह पहला अरब देश बना और अब एक उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। देश ने अपनी पहली महिला ऐस्ट्रोनॉट को चुना है। नोरा अल मतरूशी को मोहम्मद अल मुल्ला के साथ ऐस्ट्रोनॉट चुना गया है। 4 हजार लोगों के बीच से नोरा को चुना गया है।
एमिरेट्स ऐस्ट्रॉनॉट्स प्रोग्राम के दूसरे बैच से स्नातक हुईं 28 साल की नोरा अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के ऐस्ट्रोनॉट के साथ ट्रेनिंग शुरू करेंगी। इस बारे में यूएई के उपराष्ट्रपति और शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन रशीद अल मकतूम ने ऐलान किया है। खलीज टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 1993 में जन्मीं नोरा की बचपन से ही स्पेस और ऐस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी थी। वह स्टारगेजिंग इवेंट्स में जाया करती थीं।
संयुक्त अरब अमीरात यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजिनियरिंग की डिग्री लेने के बाद वह अमेरिकन सोसायटी ऑफ मकैनिकल इंजिनियर्स की सदस्य बनीं। उन्होंने 2011 में मैथ ओलंपियाड में पहला स्थान हासिल किया था। वह नैशनल पेट्रोलियम कंस्ट्रक्शन कंपनी में इंजीनियर थीं और कंपनी की युवा परिषद की पांच साल तक उपाध्यक्ष रहीं। उन्होंने कई साल तक वॉलंटिअर के तौर पर विज्ञान के क्षेत्र में काम किया।
इससे पहले यूएई के मंगल मिशन होप के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर ओमरान शराफ ने बताया था कि सरकार युवाओं को प्रेरित करना चाहती है और अपनी इकॉनमी को ज्ञान पर आधारित करना चाहती है। अच्छी बात ये है कि इसका असर अभी से दिखने लगा है। अब यूनिवर्सिटी प्योर साइंस में 5 नए अंडरग्रैजुएट कोर्स ला रही हैं और युवाओं की स्पेस साइंस में दिलचस्पी बढ़ने लगी है।