स्क्रैपिंग पॉलिसी : वाहन कबाड़ में बेचकर नया खरीदने पर कंपनियां देंगी छूट

नयी दिल्ली : यदि आप अपनी पुरानी गाड़ी को बेचकर नया वाहन खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत पुरानी गाड़ी को कबाड़ में बेचकर नया वाहन खरीदने वालों को कंपनियां 5% की छूट देंगी। नयी वॉलेंट्री व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में की गयी है। इस नीति के तहत निजी वाहनों को 20 साल और वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी में चार प्रमुख कंपोनेंट हैं। वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से छूट के अलावा पॉलिसी में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स या अन्य लेवी की वसूली का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ऑटोमेटिड सेंटर्स पर फिटनेस और पॉल्यूशन टेस्ट को अनिवार्य बनाया गया है। यह ऑटोमेटिड सेंटर पूरे देश में स्थापित किए जाएंगे। इस दिशा में काम चल रहा है। ऑटोमेटिड फिटनेस सेंटर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के आधार पर स्थापित किए जाएंगे। स्क्रैपिंग सेंटर्स की स्थापना में केंद्र सरकार प्राइवेट पार्टनर्स और राज्य सरकारों की मदद करेगी।
ऑटोमेटिड टेस्ट पास न करने वाले वाहनों पर लगेगा भारी जुर्माना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑटोमेटिड टेस्ट पास ना करने वाले वाहनों को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि यह पॉलिसी ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए वरदान साबित होने वाली है। इससे यह सबसे ज्यादा मुनाफे वाले सेक्टर्स में शामिल हो जाएगा और बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे। कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के बीच भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इस पॉलिसी को एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 30% का उछाल आएगा
नितिन गडकरी ने कहा कि इस नीति के कारण देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 30% तक का उछाल आएगा। इंडस्ट्री का टर्नओवर मौजूदा 4-5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 10 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा। इस पॉलिसी के कारण भारत आने वाले सालों में ऑटोमोबाइल हब बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति के कारण देश का निर्यात 1.45 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, एक बार इस नीति के लागू होने के बाद स्क्रैप मैटेरियल जैसे स्टील, प्लास्टिक, रबर, एल्युमिनियम आदि का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल पार्ट बनाने में होगा। इससे कंपनियों की लागत में 30%-40% तक की कमी आएगी।
स्क्रैपिंग नीति से मिलेगा नयी तकनीक को प्रोत्साहन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहनों के बेहतर माइलेज के साथ नई तकनीक को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ग्रीन फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल बढ़ेगा। इससे भारत के करीब 8 लाख करोड़ रुपए के भारी भरकम क्रूड इंपोर्ट बिल में कटौती होगी। इस पॉलिसी से गाड़ियों की मांग में बढ़ोतरी होगी जिससे रेवेन्यू भी बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुरुआत में करीब 1 करोड़ वाहन स्क्रैप में बदले जाएंगे, इसमें करीब 51 लाख लाइट मोटर व्हीकल 20 साल से ज्यादा की उम्र के शामिल होंगे। वहीं 34 लाख लाइट मोटर व्हीकल 15 साल से ज्यादा की उम्र के होंगे। इसके अलावा 15 साल से ज्यादा पुराने 17 लाख मीडियम और हेवी मोटर व्हीकल को स्क्रैप में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा।
तैयार किया जा रहा है नीति का फ्रेमवर्क
सड़क परिवहन एवं हाईवे सचिव गिरिधर अरमाने का कहना है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी का स्ट्रक्चर और फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। ग्रीन टैक्स को पहले ही नोटिफाई किया जा चुका है। कई राज्य इसे अप्रभावी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकारों को सलाह देना चाहते हैं कि वे मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने पर विचार करें। इससे पहले नितिन गडकरी कह चुके हैं कि इस पॉलिसी से 10 हजार करोड़ रुपए का नया निवेश आएगा और 50 हजार नौकरियां पैदा होंगी।

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