कोलकाता : देश के अग्रणी स्टील निर्माता टाटा स्टील ने घरेलू उद्योगों को मजबूत करने का दायित्व उठाया है। ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम को आगे बढ़ाते हुए टाटा स्टील ने निर्णय लिया है कि वह अपनी आवश्यकता के लिए जिंक यानी जस्ता हिन्दुस्तान जिंक से लेगा और आयात घटाएगा। दोनों कम्पनियों ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें टाटा स्टील एक आत्मानिभर भारत के लिए आयातित उत्पादों का विकल्प तैयार करेगी। एमओयू के तहत, हिंदुस्तान जिंक ने टाटा स्टील के लिए वीएमआई समाधान लागू किया है – जो अलौह धातु उद्योग में पहला है। हिन्दुस्तान जिंक इस समझौते के तहत 45 के टी जिंक व अन्य धातु का उत्पादन करेगा जो टाटा स्टील तथा उसकी सहायक कम्पनी टाटा स्टील बीएसएल (पहले भूषण स्टील) के उपयोग के लिए होगा। इस समझौते को लेकर हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया साझा और अपनी तरह का पहला कदम बताया। टाटा स्टील को हिन्दुस्तान जिंक वेंडर मैनेजमेंट इन्वेन्टरी (वीएमआई) समाधान देगा प्रथम वीएमआई ग्राहक होने के नाते टाटा स्टील की इन्वेन्टरी और स्टॉक की लगातार निगरानी की जाएगी। कमी होने की स्थिति में हिन्दुस्तान जिंक के वेयरहाउस से जस्ते की आपूर्ति की जायेगी। यह निगरानी और आपूर्ति देश भर में की जाएगी।