छतरपुर : एमपी में छतरपुर जिले के बड़ामलहरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत भेल्दा के एक छोटे से गांव अंगरोठा में महिलाओं ने ऐसा काम किया है जो एक मिसाल बन गया है। पानी के लिए पंचायत की 100 से ज्यादा महिलाओं ने मिलकर 107 मीटर लंबे पहाड़ को ही काट दिया। अब पूरे गांव को भरपूर पानी तो मिल ही रहा है, लोगों की खुशहाली भी बढ़ रही है।
महिलाओं ने परमार्थ समाज सेवी संस्थान के सहयोग से लगभग 107 मीटर लंबे पहाड़ को काटकर एक ऐसा रास्ता बनाया है जिससे उनके गांव के तालाब में अब पानी भरने लगा है। सूखे हुए कुएं में पानी आ गया है। हैंडपंप जो सूख गए थे, अब पानी देने लगे हैं। इसके अलावा 11 तालाबों का पुनरुद्धार हो चुका है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस तालाब के भरने से सूखी हुई बछेड़ी नदी में एक बार फिर से पानी बहने की उम्मीद बंध गई है। बछेड़ी नदी का उद्गम स्थल अंगरोठा है। बछेड़ी में केवल बरसात में ही पानी आता था, जल्द ही वह पूरे साल बहने लगेगी।
बुंदेलखंड पैकेज से इस तालाब का निर्माण कार्य हुआ था, लेकिन इसमें पर्याप्त पानी नहीं भर रहा था। वन विभाग के सहयोग से 107 मीटर के पहाड़ को काटा गया और अब इस 40 एकड़ के तालाब में लगभग 70 एकड़ पानी भर रहा है। 100 से ज्यादा महिलाओं ने श्रमदान कर करीब 18 महीने में जल संवर्धन के रास्ते में आ रहे पहाड़ के बीच से पानी आने का रास्ता तैयार कर दिया।
पहले पहाड़ों के जरिए बरसात का पानी बहकर निकल जाता था। इस पानी को सहेज कर महिलाओं ने गांव की दशा और दिशा बदल कर रख दी है। जल सहेली बबीता राजपूत बताती हैं कि दूर-दूर से 3 किलोमीटर पैदल चलकर महिलाएं यहां पर आती थीं और श्रमदान करती थीं। महिलाओं ने इस पहाड़ को बचाने और इस पर पौधे लगाने का संकल्प भी लिया है।
(साभार – नवभारत टाइम्स)