कोलकाता : रिजर्व बैंक के गर्वनर की घोषणाओं के साथ ही यह धारणा टूट गयी कि अधिकारियों ने केवल जीवन बचाने पर ध्यान दिया जीविका पर नहीं। यह घोषणा असाधारण परिस्थितियों में प्रवाह को बढ़ाने और आर्थिक स्थिरता लाने वाला है। एसोचेम और एन नरेडको के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदिनी से यह बात कही।
“नियामक मानदंडों के दृष्टिकोण से आर्थिक पुनरुद्धार के लिए किये गये उपायों के तहत व्यवस्था में पर्याप्त लिक्विडिटी यानी तरलता बनाए रखने, बैंक ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और वित्तीय तनाव कम करने का प्रयास किया गया है। डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि ये पूरी तरह से स्वागत योग्य है, यह देखते हुए कि आर्थिक गतिविधियां बंद होने की स्थिति में हैं।
रियल इस्टेट के लिए की गयी घोषणा के अनुसार एन बी एफ सी द्वारा रियल इस्टेट कम्पनियों कों समान लाभ मिलेंगे औऱ शेड्यूल्ड कर्मशियल बैंक सकारात्मक थे। आरबीआई ने पहले परिसंपत्ति वर्गीकरण में गिरावट के बिना एक साल के लिए विस्तार की अनुमति दी थी। यह राहत अब एनबीएफसी के लिए भी मिली है। एनबीएफसी द्वारा वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए ऋणों को समान राहत मिलेगी। यह कदम एनबीएफसी और रियल एस्टेट को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा, ” उन्होंने रिवर्स रेपो रेट को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.75 प्रतिशत करने का भी स्वागत किया।