खिदिरपुर कॉलेज ने अपने स्वर्ण जयंती के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भारतीय भाषा परिषद सभागार में किया। इस संगोष्ठी का विषय था – राष्ट्रवाद : पश्चिम और पूर्व, संदर्भ टैगोर। इस संगोष्ठी का उद्बोधन मुख्य अतिथि, सुप्रसिद्ध इतिहासकार और बुद्धिजीवी प्रो. भारती राय के कर कमलों से हुआ। उन्होंने रवींद्रनाथ के व्यक्तित्व की विराटता को रेखांकित करते हुए उनके विचारों को नए सिरे से व्याख्यायित करने की बात कही। कॉलेज की भार प्राप्त अध्यक्षा डा. दीबा हाशमी ने कॉलेज के स्वर्ण जयंती के कार्यक्रम और गुरुदेव के महत्व की चर्चा की। बीज भाषण देते हुए प्रो. सुकांत चौधुरी ने राष्ट्रवाद और देशभक्ति में पार्थक्य बताया तथा रवीन्द्रनाथ को सच्चा मानवतावादी माना। दूसरे सत्र में प्रो कृष्णा सेन, प्रो. रामकृष्ण भट्टाचार्य और प्रो. सुप्रिया चौधरी ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में प्रो विश्वनाथ और डा विश्वजीत ने रवीन्द्रनाथ के राष्ट्रवाद संबंधी विचारों की सारगर्भित समीक्षा की। अंतिम सत्र में पैनल चर्चा थी जिसमें विविध कला क्षेत्र के विद्वानों ने शिरकत की। अध्यक्षता प्रो. रामकुमार मुखोपाध्याय ने की तथा प्रो सुशोभन अधिकारी, प्रो सुजातो भद्र, श्री फे सिन इजाज, स्वपन सोम तथा प्रो. शेखर कुमार समादार प्रतिभागी थे। इस सत्र में कला के विविध क्षेत्रों में व्यक्त रवीन्द्रनाथ के राष्ट्रवाद संबंधी विचारों की रोचक व्याख्या की गई। विभिन्न कॉलेज के शिक्षकों एवं शोध छात्रों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।