क्यों झलक जाता है
बेटियों का दर्द यूँ बार-बार?
सुरक्षित निगहबानियों में भी
क्यों चटक जाता है
उनका दामन बार-बार?
क्यों प्यार-मुहब्बत से दूर
रहने की कसमें उनको
खिलायी जाती हैं बार-बार?
क्यों सबरीमाला के प्रकरण
दोहराये जाते हैं बार-बार?
क्यों पवित्रता के नाम पर
अपमान की आग में उनको
जलाया जाता है बार-बार?
क्यों कुदरत की खूबसूरत सृष्टि को
अग्निपरीक्षाओं में छुपाना पड़ता है
चेहरा यूँ बार-बार?
क्यों”भुज”जैसी
शर्मसार घटनाओं में भी
दहाड़े-गरजे बिना हम
सिर झुका लेते हैं बार-बार?
क्यों हिन्दुस्तानी बेटियों का दर्द
मानवता को मुँह चिढ़ाता है बार-बार?