50 साल बाद कार्यकारी भूमिका छोड़ेंगे राहुल बजाज

अब नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और डायरेक्टर होंगे
नयी दिल्ली : राहुल बजाज(75) बजाज ऑटो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद छोड़ेंगे। उनका कार्यकाल 31 मार्च 2020 को खत्म हो रहा है। इसके बाद राहुल बजाज नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की भूमिका में आ जाएंगे यानी ग्रुप के फैसलों में उनका सीधा दखल नहीं होगा। बजाज ऑटो ने यह जानकारी दी। बोर्ड ने उन्हें अप्रैल 2015 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 5 साल का था। कंपनी ने बताया कि कुछ प्रतिबद्धताओं की वजह से उन्होंने कंपनी के पूर्णकालिक डायरेक्टर के रूप में काम नहीं करने का फैसला लिया। राहुल बजाज की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति हुई। बजाज ऑटो के बोर्ड मेंबर्स की बैठक में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर राहुल बजाज की नियुक्ति को मंजूरी दी गई। नए रोल में उनका कार्यकाल एक अप्रैल 2020 से शुरू होगा। सेबी के नियमों के मुताबिक, नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति के लिए पोस्टल बैलट के जरिए शेयर होल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी।
1965 में संभाला था बजाज ग्रुप का जिम्मा
राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गयी।

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