कश्मीर में विदेशी आतंकी को मारने में शहीद हुए नायब सूबेदार सोमबीर समेत 9 को शौर्य चक्र

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर शनिवार को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया। इस बार सेना के 312 अधिकारियों/जवानों को वीरता और विशिष्ट सेवा पदक दिए जाएंगे। इनमें 6 को शौर्य चक्र दिया जाएगा, इनमें जुलाई 2019 में जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकी को ढेर करने में शहीद हुए नायब सूबेदार सोमबीर भी शामिल हैं। इनके अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा, मेजर के. बिजेन्द्र सिंह, नायब सूबेदार नरेंदर सिंह, नायक नरेश कुमार और सिपाही कर्मदेव ओरांव के नाम भी हैं। वहीं, तीन पुलिसकर्मियों को भी इस साल देश का तीसरा बड़ा वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें कमल किशोर, अमन कुमार और चल्लापिला नरसिम्हा राव का नाम है।पिछले साल 27 फरवरी को बडगाम में वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ और निनाद मनदावगन भी वायु सेना मेडल से सम्मानित होंगे।

 तीन कोर कमांडरों को उत्तम युद्ध सेवा पदक

उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह समेत 19 अफसरों को परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) दिया जाएगा। वहीं, तीसरी कोर, 14 कोर और 16 कोर के कमांडरों को उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाएएसएम) के लिए चुना गया है। अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) के लिए 32 अधिकारियों को चुना गया है। युद्ध सेवा पदक के लिए 8 को, सेना मेडल (एसएम) के लिए 111 को, विशिष्ट सेवा के लिए सेना मेडल 40 को, विशिष्ट सेना पदक के लिए 76 को चुना गया है। ऑपरेशन राइनो और रक्षक में वीरता दिखाने वाले 16 अफसरों और जवानों को भी सम्मानित किया जाएगा।

लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा को मिलेगा शौर्य चक्र

लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा : 11 गोरखा राइफल्स के इस अफसर ने मणिपुर में 14 आतंकियों को पकड़ा था। पिछले साल 23 जुलाई को उन्हें दो आतंकियों के एक गांव में छुपे होने की जानकारी मिली थी। खुफिया जानकारी के आधार पर वे अपनी टीम के साथ उन्हें पकड़ने पहुंचे। दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी गोलीबारी में उन्होंने दोनों को मार डाला।
नायब सूबेदार सोमबीर सिंह : राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात सोमबीर सिंह 22 फरवरी 2019 को तीन आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। एक अभियान के दौरान आतंकियों की फायरिंग में साथी जवान को फंसा देख, वे आगे आए और मोर्चा लेते हुए उसे ढेर कर दिया। इस दौरान उनकी छाती और गर्दन में कई गोलियां लगीं, जिसके कारण वे शहीद हो गए।
मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह : असम राइफल्स में तैनाती के दौरान मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह ने कई आतंकी अभियानों में हिस्सा लिया। लेकिन पिछले साल 22 मार्च को उन्होंने अपने साथियों की आतंकी हमले में जान बचाई, बल्कि इस दौरान दो को खत्म भी किया।
नायब सूबेदार नरेंदर सिंह : स्पेशल फोर्सेस के इस जवान की तैनाती जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर थी। उन्हें तीन जुलाई 2019 को एलओसी पर आतंकियों की हलचल दिखी। बिना वक्त गंवाए वे हरकत में आए और आतंकियों को घेर लिया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। इसमें पैराशूट रेजिमेंट के नरेंदर ने दो आतंकियों को मार डाला।
नायक नरेश कुमार : उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती के दौरान पिछले साल 23-24 मई की रात को एक आतंकी अभियान में हिस्सा लिया। सर्च ऑपरेशन में आतंकी के एक घर में छुपे होने की जानकारी मिली। वह सीढ़ी पर छुपकर बैठा था। ऐसे में उसे पकड़ने में मुश्किल आ रही थी। तभी नरेश कुमार रेंगकर उस तक पहुँचे और एक ही गोली में उसे खत्म कर दिया।
सिपाही कर्मदेव ओरांव : बिहार रेजिमेंट का यह सिपाही एलओसी पर तैनात था। 29 दिसंबर 2018 की दोपहर पाकिस्तानी चौकी से भारी गोलीबारी शुरू हो गई। इसी दौरान कर्मदेव ने 4 आतंकियों को अपनी पोस्ट की तरफ आते देखा। अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने आतंकियों पर 9 हथगोले फेंके। इससे दो आतंकी ढेर हो गए।

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