नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिन पहले नकद में लेन-देन (Cash Transaction Rules in India) से जुड़े कई सख्त नियमों के बारे में बताया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार देश में डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान करना जरूरी हो गया है. इसीलिए आज हम आपको कैश में पैसों के लेन-देन से जुड़े सभी नियमों की जानकारी दे रहे है. आपको बता दें कि घर में कैश रखने की लिमिट तय नहीं है. लेकिन घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी होता है। आइए जानें नकद में लेन-देन से जुड़े ऐसे ही 11 नियमों के बारे में…
वित्त मंत्री ने संसद को बताया कि आयकर विभाग बेहिसाबी नकद लेनदेन तथा अघोषित नकद जायदाद (होल्डिंग्स) के विरूद्ध जरूरी कार्रवाई करता है। सरकार ने हाल में कई सख्त कदम उठाए है.
(1)नकद कैश में लेन-देन करने से अब क्या होगा- अगर अब कोई आपको ऋण की रकम बैंक सीधे अकाउंट में ही भेजता है तो यह सीमा 20 हजार रुपये है। वहीं, 20,000 रुपये से ज्यादा नकद ऋण लिया तो 100 फीसदी पेनाल्टी देनी होगी। नकद में अनुदान दे रहे हैं तो सिर्फ 2000 रुपये तक दें. 2000 रुपये से ज्यादा नकद दान दिया तो 80G में छूट नहीं मिलेगी। आयकर में 80G के तहत दान पर छूट मिलती है।
(2) नकद घर में रखने की लिमिट क्या है-टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि घर में नकद रखने को लेकर अभी तक कोई सीमा तय नहीं की गयी है। हालांकि, घर में रखे नकद का सोर्स बताना अब जरूरी है। अगर कोई इसकी जानकारी नहीं दे पाता है तो ऐसे में उसे 137% तक पेनाल्टी देनी पड़ती है।
(3) बैंक से नकद निकालने और जमा करने के नियम क्या हैं- टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा बताती हैं है कि बैंक में सेविंग खाते को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं। एक बार में 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा किया या सेविंग अकाउंट में 50,000 रुपए से ज्यादा कैश जमा कर रहे हैं तो ऐसे में आपको पैन कार्ड नंबर देना जरूरी है। कैश में पे-ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी बनवा रहे हैं तो पे ऑर्डर-DD के मामले में भी पैन नंबर देना होगा।