नयी दिल्ली : भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (Face Recognition Technology) का इस्तेमाल करने क तैयारी में है। वहीं, रेलवे इस एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित तकनीक से अपराधों पर लगाम लगाई जा सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) इस तकनीक को क्रिमिनल ट्रेकिंग सिस्टम के डाटा बेस के साथ लिंक करेगी, जिससे अपराधियों को पहचानने में आसानी होगी। वहीं, इस सिस्टम से आरपीएफ को पूरे डाटा बेस का एक्सेस मिल जाएगा।
एफआरएस तकनीक करेगी काम
फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी अपराधियों की तस्वीरों को उनके चेहरे से मैच करेगी, जिसके बाद आरपीएफ को उसके पूरे बैकग्राउंड की जानकारी मिलेगी। सूत्रों की मानें तो इस तकनीक के आने से रेलवे स्टेशन अधिक सुरक्षित हो जाएंगे। इस प्लान को आरपीएफ द्वारा 26/11 आतंकी हमले के बाद पहली बार पेश किया गया था। वहीं, फेस रिकॉग्निशन तकनीक को बड़े रेलवे स्टेशन्स में इस्तेमाल किया जाएगा।
बंगलुरु के रेलवे स्टेशन में होगा इस तकनीक का इस्तेमाल
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स फेस रिकॉग्निशन तकनीक को सबसे पहले बंगलुरु रेलवे स्टेशन में इस्तेमाल करेगी। इसके बाद इसका दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में उपयोग किया जाएगा। इस सिस्टम की खासियत की बात करें तो यह 10 साल पुरानी फोटो को भी पहचान सकेगा।
बंगलुरु एयरपोर्ट पर मौजूद है यह तकनीक
आपको बता दें कि इस समय बंगलुरु के अतंराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। इस सिस्टम को जुलाई में लॉन्च किया गया था।