मेक्सिको सिटी : मेक्सिको के प्रांत चिहुआहुआ के कुयाटेमोक में अधिकारियों के दिव्यांगों के प्रति दुर्व्यवहार की जाँच का जिम्मा खुद मेयर ने उठाया। वे दो महीने तक दिव्यांग के भेष में रहे। मेयर कार्लोस टेना इन 60 दिनों में शहर के हर विभाग में गए। इस दौरान उन्हें खुद अपमानित होना पड़ा। बाद में उन्होंने सभी अधिकारियों को उनकी कार्यशैली के फटकार लगाई। दरअसल, कार्लोस के पास लंबे समय से दिव्यांगों की शिकायतें आ रही थीं कि कोई भी काम करवाने के लिए विभाग में उनके साथ बुरा व्यवहार होता है। विभाग में दिव्यांग के गेटअप के लिए कार्लोस कभी काला चश्मा लगाते, कभी हैट पहनते, कभी कानों पर बैंडेज बांधकर घूमते। कभी किसी काम के बहाने वे स्वेटर पहनकर पहुंच जाते। कई बार खाना भी माँगा, लेकिन लोगों ने उनके साथ भेदभाव किया। सिर्फ एक-दो ऑफिस में कुछ अधिकारियों ने ईमानदारी से काम किया।
ऐसे जाना कि शिकायतें सही थीं
सोशल सर्विसेज ऑफिस के बाद कार्लोस दिव्यांग के गेटअप में अपने ऑफिस पहुँचे, जहां लोगों ने उनसे कहा कि मेयर तो है नहीं, कोई काम नहीं होगा। फिर कार्लोस शहर परिषद के सचिव से मिलने गए, जहाँ उन्हें बताया गया कि वह आधे घंटे तक नहीं आएंगे, इसलिए इंतजार करें। यह जानकर कार्लोस को यकीन हो गया कि उन्हें मिलने वाली शिकायतें बिल्कुल ठीक थीं।
व्हीलचेयर से उठे और सबको दी चेतावनी
कर्मचारियों के बहानों के बीच सिटी काउंसिल ऑफिस में मेयर कार्लोस व्हीलचेयर से उठ गए। दिव्यांग के गेटअप में शहर के मेयर को देख सभी कर्मियों की हालत खराब हो गयी। इसके बाद कार्लोस ने सभी विभागों के अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर उन्हें खूब फटकारा और चेतावनी दी कि अगर वे अभी भी लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
कार्लोस ने बताया, “मेरे इस प्रयोग का उद्देश्य उन मुश्किलों का अनुभव करना था, जो आम लोग रोज भुगतते हैं। मैं नहीं जानता था कि लोगों की शिकायतों पर भरोसा करूं या अपने सहकर्मियों पर। मैं लंबे समय में दिव्यांगों को उनका हक दिलाने की कोशिश में लगा हूँ। यह नहीं जानता था कि मेरे ही सहकर्मी उनके साथ दुर्व्यवहार करेंगे। उम्मीद करता हूँ कि आगे से दिव्यांगों की शिकायत नहीं मिलेगी।”