नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 5 जुलाई को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहला बजट पेश किया। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार किराए के मकान को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी। इसके लिए सरकार मौजूदा किराया कानूनों में संशोधन करेगी। वर्तमान किराया कानून पुरातन है। इनकी वजह से मकान मालिक और किराएदार के बीच अच्छे संबंध स्थापित नहीं हो पाते। नए नियमों को राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।” आम चुनाव के मद्देनजर फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। सरकार बनने के बाद साल 2019-20 के लिए यह पूर्ण बजट पेश किया गया।
सीतारमण ने कहा, प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में लगभग 1.5 करोड़ घर बनाए गए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दूसरे चरण में लगभग 1.95 करोड़ मकान उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। यह 2022 तक नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सभी के लिए घर नीति को पूरा करने के प्रयासों का हिस्सा होगा। वित्त मंत्री ने बताया, “पहले एक घर बनाने में 314 दिन लगते थे, लेकिन अब ये घटकर 114 दिन लगते हैं। हमारा जोर अब इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर है। 2022 तक हर एक ग्रामीण परिवार के पास बिजली और खाना पकाने की सुविधा होगी।” “प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना के तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक कारोबार वाले लगभग 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को पेंशन का लाभ दिया जाएगा।”
“45 लाख रुपये तक के मकान खरीद के लिए ब्याज पर आयकर छूट की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव। स्टार्टअप के लिए जुटायें गए धन की आयकर जाँच नहीं होगी।”